पंजीयन के लिए तीन से चार गुना ज्यादा राशि वसूल रहे स्कूल
-300 रुपये शुल्क निर्धारित किया है सीबीएसई ने पंजीयन के लिए -01 से दो हजार तक फीस वसूल रहे स्कूल जागरण संवाददाता पटना
पटना । सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के निर्देश पर स्कूलों में नौवीं एवं 11वीं का पंजीयन प्रारंभ हो गया है। पंजीयन के लिए सीबीएसई की ओर से 300 रुपये का निर्धारण किया गया है, लेकिन वर्तमान में स्कूल प्रबंधन एक हजार से लेकर दो हजार तक की राशि वसूल रहा है। अभिभावक विवश होकर स्कूलों के मन-मुताबिक राशि देने को विवश हैं।
अभिभावकों की शिकायत है कि कोरोना संकट के दौरान आर्थिक परेशानी बढ़ी है लेकिन स्कूल प्रबंधन राहत देने के बजाए अभिभावकों के शोषण में जुटा है। राजधानी के एक प्रतिष्ठित स्कूल के छात्र के अभिभावक रमेश त्रिपाठी का कहना है कि सीबीएसई द्वारा जब पंजीयन के लिए 300 रुपये निर्धारित किया गया है तब स्कूल प्रबंधन किस आधार पर एक हजार से अधिक राशि वसूल रहा है। वहीं, एक स्कूल की छात्रा मानसी का कहना है कि पंजीयन के नाम पर स्कूल प्रबंधन कई तरह का शुल्क जोड़ दिया है। अब अभिभावक हर बच्चे का पंजीयन कराने को विवश हैं। ऐसे में उन्हें स्कूल के सभी शुल्क देने को विवश होना पड़ रहा है। नौंवी एवं 11वीं में पंजीयन के साथ-साथ दसवीं एवं बारहवीं के फार्म भरने की प्रक्रिया भी चल रही है।
कक्षा एक दिन भी नहीं,
कंप्यूटर लैब का पूरा शुल्क
अभिभावकों की शिकायत है कि कई स्कूल लॉकडाउन के दौरान बिना पढ़ाए ही फीस वसूल रहे हैं। फीस में स्कूल प्रबंधन एक रुपये का छूट अभिभावकों को नहीं दे रहा है। इस सत्र में एक दिन भी कंप्यूटर की पढ़ाई नहीं हुई है, लेकिन स्कूल प्रबंधन अभिभावकों से कंप्यूटर शुल्क वसूल रहा है।
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स्कूल प्रबंधन ने जो खर्चा किया ही नहीं, उसके लिए छात्रों से शुल्क लेना उचित नहीं है। कई स्कूलों ने विभिन्न शुल्क में छूट दी है। कोरोना संकट के दौरान अभिभावकों की स्थिति खराब है। ऐसे में ट्यूशन के अलावा अन्य शुल्कों में स्कूल प्रबंधन को छूट देने की कोशिश करना चाहिए ताकि अभिभावक एवं स्कूल में बेहतर संबंध कायम रह सके। खासकर परिवहन, कंप्यूटर एवं लैब शुल्क में स्कूल अभिभावकों को छूट दे सकते हैं।
डॉ.सीबी सिंह, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेट्स स्कूल्स