चांद की आब-ओ-हवा महसूस करेंगे स्कूली बच्चे
पटना । राजधानी में 30 अगस्त से एक सितंबर तक स्कूली बच्चे चांद की बारीकियों को 'मूनशॉट ऑ
पटना । राजधानी में 30 अगस्त से एक सितंबर तक स्कूली बच्चे चांद की बारीकियों को 'मूनशॉट ऑन ह्वील' नेशनल स्पेस साइंस एक्जीबिशन में महसूस करेंगे। बच्चे मून की लाइव तस्वीर देखने के साथ-साथ चांद पर रोवर कैसे पहुंचता है, किस भाग का वातावरण कैसा है, यह सब भी जानेंगे। यह जानकारी विशेषज्ञ लाइव तस्वीर के माध्यम से देंगे।
एक्जीबिशन का आयोजन स्पेस पर काम करने वाली अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन और बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन कर रहा है। लीड्स एशियन स्कूल परिसर में उपकरण सेट किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों की टीम 55 बच्चों को 'मूनशॉट ऑन व्हील' साइंस एक्जीबिशन की ट्रेनिंग 28 और 29 अगस्त को देगी। चयनित बच्चे प्रदर्शनी में आने वाले विद्यार्थियों को पूरी गतिविधि की जानकारी देंगे। बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह ने बताया कि इसमें शामिल होने के लिए स्कूल और बच्चों को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लगेगा। प्रतिदिन दो-दो घंटे के तीन चरणों में बच्चों को अंतरिक्ष, चांद और गुरुत्वाकर्षण के बारे में रोचक जानकारी दी जाएगी। एक टीम में 150 बच्चे होंगे। इसमें सरकारी और गैर सरकारी स्कूल के कक्षा छह से 10 तक के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं। अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन के रीजनल हेड मुकेश कुमार ने बताया कि बिहार में पटना, दरभंगा तथा भागलपुर में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के मार्गदर्शन में इस अभियान को प्रारंभ किया गया था। बेंगलुरु से स्पेस साइंस एडुकेशन के उपकरणों के साथ एक बड़ी बस राजधानी पहुंची है। यह देश के 20 शहरों में बच्चों को स्पेस साइंस की रोचक जानकारी से रूबरू करा रही है। इसका उद्घाटन शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं औद्योगिक मंत्री जय कुमार सिंह करेंगे। संवाददाता सम्मेलन में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. एसएम सोहैल, महासचिव प्रो. आरएस शर्मा, लीड्स एशियन स्कूल के चेयरमैन रामेश्वर सिंह और उपाध्यक्ष राजीव कुमार मौजूद थे।
बच्चों को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच :
अगस्त्य इंटरनेशनल फाउंडेशन के रीजनल हेड ने बताया कि प्रदर्शनी के बाद क्विज का आयोजन किया जाएगा। इसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही जिन बच्चों को स्पेस साइंस में विशेष रुचि है, उन्हें प्रोत्साहित करने की भी योजना है।