Move to Jagran APP

पटना में सड़क पर सुला दिए थे बच्‍चे, अब नवादा में बस की छत पर बैठाया ...VIDEO VIRAL

बिहार में मुख्‍यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण योजना मजाक बनकर रह गई है। इसमें लापरवाही की हदें देखी जा रहीं हैं। ताजा मामला नवादा का है। आप भी जानिए।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 08:02 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 08:02 PM (IST)
पटना में सड़क पर सुला दिए थे बच्‍चे, अब नवादा में बस की छत पर बैठाया ...VIDEO VIRAL
पटना में सड़क पर सुला दिए थे बच्‍चे, अब नवादा में बस की छत पर बैठाया ...VIDEO VIRAL

नवादा जेएनएन। बिहार में मुख्‍यमंत्री शैक्षणिक परिभ्रमण योजना का मजाक बनकर रह गया है। हाल ही में इसके तहत पटना आए एक सकूल के बच्‍चों को चिडि़याघर के सामने सड़क किनारे खुले में फुटपाथ पर रात में सुला दिया गया था। ताजा मामला नवादा के रोह प्रखंड का है, जहां के एक स्‍कूल के शैक्षणिक परिभ्रमण पर जा रही बस की छत पर स्‍कूली बच्‍चे बैठे दिखे। इसकी तस्‍वीर वायरल होने पर हड़कम्‍प मच गया है।

loksabha election banner

बस की छत पर बैठाकर ले जाए गए बच्‍चे

बताया जाता है कि नवादा के रोह प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय (ताजपुर)  के बच्चों को लगभग 125 किलोमीटर दूर पावापुरी, राजगीर, नालंदा, कुंडलपुर आदि ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन करने ले जाया गया। जिस बस से बच्‍चे जा रहे थे, उसके अंदर जगह कम पड़ गई तो शेष बच्‍चों को बस की छत पर बैठा दिया गया। बस की छत पर बैठे स्कूली बच्चे हो-हल्ला करते जा रहे थे कि इस दौरान उनकी तस्‍वीरें लेकर किसी ने वायरल कर दिया।

प्रधानाध्‍यापक बोले: चढ़ गए थे दूसरे स्‍कूल के बच्‍चे

घटना के बाद स्‍कूल के प्रभारी प्रधानाध्‍यापक मो. मसीउद्दीन ने सफाई दी कि  बस की छत पर सवार बच्‍चे दूसरे स्‍कूल के थे। वे जबरन छत पर जो चढ़े थे। उन्हें उतार दिया गया था। हालांकि, कई लोगों ने इसे गलत बताते हुए मामले की जांच की मांग की।

शिक्षा समिति को नहीं लगती लापरवाही

घटना को लेकर विद्यालय शिक्षा समिति की सचिव शोभा देवी ने कहा कि वे परिभ्रमण में साथ रहीं। बस की छत पर बच्चों की यात्रा से उन्‍होंने इनकार कर दिया। उनके अनुसार शुरुआत में कुछ बच्चे बैठे, पर उन्हें उतार दिया गया। विद्यालय शिक्षा समिति के अध्‍यक्ष रामस्‍वरूप राम ने कहा कि परिभ्रमण दौरान वे भी साथ थे। कई अभिभावक भी साथ थे। किसी ने भी विद्यालय प्रबंध समिति से कोई शिकायत नहीं की है।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

शिक्षा समित के दावे अपनी जगह हैं, लेकिन सवाल यह है कि परिभ्रमण योजना के लिए दी जाने वाली 20 हजार रुपये की राशि में कितना खर्च किया गया? अगर पूरी राशि खर्च की गई तो यात्रा के दौरान मानकों का कितना ध्यान रखा गया? सवाल यह भी है कि स्‍कूल के बाहर के बच्‍चों के बस की छत पर चढ़ने के दौरान ही उन्‍हें क्‍यों नहीं उतारा गया? सबसे बड़ा सवाल यह कि क्‍या सचमुच बच्‍चों की सुरक्षा से खिलवाड़ की गई? इन सवालों के जवाब के लिए अब जांच का इंतजार है। रोह के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि घटना की सूचना उन्‍हें मिली है। इसकी जांच के उपरांत उचित कार्रवाई की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.