Shelter Home Case: बिहार सरकार को SC की कड़ी फटकार, सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर
बिहार के चर्चित शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार व सीबीआइ को फटकार लगाई। चीफ जस्टस रंजन गोगोई राज्य सरकार के वकील के जवाब से असंतुष्ट थे।
By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 11:49 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 08:20 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार के चर्चित शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सरकार इस मामले को लटका रही है। नाराज सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम से जुड़े सभी मुकदमों को दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया।
यह है मामला
विदित हो कि बीते दिनों टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट से बिहार के विभिन्न शेल्टर होम में लड़कियों व बच्चों की प्रताड़ना तथा यौन उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आए थे। मामले ने तूल पकड़ा तो तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा। मामले के सूत्रधार व मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया। बिहार में रहने पर मामले के अनुसंधान को प्रभावित करने की आश्ांका के कारण ब्रजेश को राज्य से बाहर पंजाब के जेल में भेज दिया गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम के मामलों के ट्रायल को भी बिहार से बाहर ट्रांसफर कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि बच्चों के साथ जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे गंभीर मामले में सरकार अहम सवालों के जवाब नहीं दे पा रही है। बिहार सरकार के वकील द्वारा प्रस्तुत स्टेटस रिपोर्ट में असंतोषजनक जानकारियां उपलब्ध करवाने पर चीफ जस्टस रंजन गोगोई ने नाराजगी जताई।
कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील से पूछा कि बिहार के शेल्टर होम्स व उनमें कितने बच्चे हैं? कोर्ट ने शेल्टर होम्स को दिए जाने वाले फंड और उसके खर्चे से जुडी जानकारी भी मांगी। लेकिन बिहार सरकार के वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इससे चीफ जस्टिस नाराज हो गए और उन्होंने बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाई।
बिहार सरकार पर तल्ख टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम की देखभाल को लेकर बिहार सरकार की आलोचना की। कोर्ट ने तल्ख टिप्पण्ी करते हुए कहा कि बस बहुत हो गया, बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव सहन नहीं किया जा सकता।
सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम मामले के अनुसंधान को लेकर भी नाराजगी जताई तथा सभी मामलों को दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने के भीतर उनके निष्पादन का निर्देश भी दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर सहित बिहार के अन्य 10 शेल्टर होम में यौन उत्पीड़न मामलों से से जुड़े दस्तावेजों को दो सप्ताह के भीतर सीबीआइ अदालत से साकेत निचली अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
सीबीआइ को भी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे अधिकारी का तबादला करने को लेकर सीबीआइ से भी जवाब मांगा है।
यह है मामला
विदित हो कि बीते दिनों टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट से बिहार के विभिन्न शेल्टर होम में लड़कियों व बच्चों की प्रताड़ना तथा यौन उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आए थे। मामले ने तूल पकड़ा तो तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा। मामले के सूत्रधार व मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया गया। बिहार में रहने पर मामले के अनुसंधान को प्रभावित करने की आश्ांका के कारण ब्रजेश को राज्य से बाहर पंजाब के जेल में भेज दिया गया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम के मामलों के ट्रायल को भी बिहार से बाहर ट्रांसफर कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि बच्चों के साथ जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे गंभीर मामले में सरकार अहम सवालों के जवाब नहीं दे पा रही है। बिहार सरकार के वकील द्वारा प्रस्तुत स्टेटस रिपोर्ट में असंतोषजनक जानकारियां उपलब्ध करवाने पर चीफ जस्टस रंजन गोगोई ने नाराजगी जताई।
कोर्ट ने बिहार सरकार के वकील से पूछा कि बिहार के शेल्टर होम्स व उनमें कितने बच्चे हैं? कोर्ट ने शेल्टर होम्स को दिए जाने वाले फंड और उसके खर्चे से जुडी जानकारी भी मांगी। लेकिन बिहार सरकार के वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इससे चीफ जस्टिस नाराज हो गए और उन्होंने बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाई।
बिहार सरकार पर तल्ख टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम की देखभाल को लेकर बिहार सरकार की आलोचना की। कोर्ट ने तल्ख टिप्पण्ी करते हुए कहा कि बस बहुत हो गया, बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव सहन नहीं किया जा सकता।
सभी मामले दिल्ली ट्रांसफर
सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम मामले के अनुसंधान को लेकर भी नाराजगी जताई तथा सभी मामलों को दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने के भीतर उनके निष्पादन का निर्देश भी दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर सहित बिहार के अन्य 10 शेल्टर होम में यौन उत्पीड़न मामलों से से जुड़े दस्तावेजों को दो सप्ताह के भीतर सीबीआइ अदालत से साकेत निचली अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
सीबीआइ को भी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे अधिकारी का तबादला करने को लेकर सीबीआइ से भी जवाब मांगा है।
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