बिहार में गांवों पर जोर दे रहा SBI, बोले जीएम- लोगों को नहीं होने देंगे प्रॉब्लम, App से मिलेगा लोन
एसबीआई ने गठित किया फाइनेंशियल इनक्लूजन एंड माइक्रो मार्केट वर्टिकल। बिहार-झारखंड में 647 शाखाओं की हुई पहचान। कृषि व एमएसएमई को इनसे मिलेगा ऋण।
पटना, जेएनएन। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अब गांवों पर जोर दे रहा। इसके लिए बैंक के भीतर एक अलग 'फाइनेंशियल इनक्लूजन और माइक्रो मार्केट' (FI and MM) वर्टिकल का गठन किया है। इससे ग्रामीण व अर्ध शहरी क्षेत्रों के लोगों को मुख्य रूप से कृषि, पशुपालन, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के लिए ऋण (Loan) दिया जाएगा। इनके लिए सामान्य काम-काज से अलग अधिकारी होंगे। बिहार-झारखंड में 647 शाखाओं की पहचान की गई है। रोजी-रोजगार में लोगों को प्रॉब्लम नहीं होगी। ऐप से लोन बांटे जाएंगे।
देश के नागरिकों के साथ खड़ा है एसबीआई
नए वर्टिकल की लांचिंग के बारे में जानकारी देते हुए एसबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक महेश गोयल ने कहा कि एसबीआई देश के नागरिकों के साथ खड़ा है। इसके गठन से बैंक छोटे व्यवसाय और एग्री एंड एलाइड सेगमेंट्स की सेवाओं को अवसर प्रदान करेगा, ताकि वे अपने कारोबार को सुचारु रूप से चला सकें। मंडल स्तर पर इसका नेतृत्व जीएम मिहिर नारायण मिश्रा करेंगे।
एसबीआइ ने 24 घंटे में बांटे 155 करोड़ के ऋण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित कोरोना रिलीफ के तहत 'गारंटेड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन' स्कीम एक जून से आरंभ हुई है। पहले दिन ही बिहार-झारखंड के लगभग तीन हजार ग्राहकों को 155 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। इसके अतिरिक्त एसबीआई ने अपनी विशेष स्कीम 'कॉमन कोविड-19 इमरजेंसी क्रेडिट लाइन' के तहत बिहार-झारखंड के आठ हजार से अधिक लोगों में 205 करोड़ रुपये दिए हैं।
डिजिटल पर जोर, एप से प्राप्त करें ऋण
एसबीआइ अब डिजिटल पर जोर दे रहा है। इसके तहत एसबीआइ योनो एप के माध्यम से ग्राहक तुरंत ऋण प्राप्त कर सकते हैं। पूर्व से आवेदन देने वाले ग्राहकों के लिए जून से अगस्त तक के लिए भी ईएमआई मोरेटोरियम स्वत: बढ़ा दिया गया है। यदि किसी का ईएमआई कटेगा तो वह आवेदन देकर इसे प्राप्त कर सकता है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि रुपये को लेकर परेशानी ना हो तो ऋण की ईएमआई जमा करा ब्याज को बढऩे से रोक सकते हैं।