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बक्सर में सेटेलाइट ने पकड़ी चोरी, पराली जलाने में 110 किसानों का निबंधन किया रद्द

पराली जलाने वाले किसानों को आकाश से उपग्रह भी नजर रख रहा है और जिले में सैटेलाइट से मिले छायाचित्र के आधार पर 110 किसानों का निबंधन रद कर दिया गया है। इसके तहत कृषि योजनाओं के तहत मिलने वाले अनुदान और अन्य लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 04:13 PM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 04:13 PM (IST)
बक्सर में सेटेलाइट ने पकड़ी चोरी, पराली जलाने में 110 किसानों का निबंधन किया रद्द
बक्सर में पराली जलाने पर बड़ी कार्रवाई हुई है।

जागरण संवाददाता, बक्सर। सरकार के द्वारा पूरे बिहार में पराली जलाने पर रोक के बाद जिला प्रशासन लगातार किसानों से यह अनुरोध कर रहा है कि किसान खेतों में पराली ना जलाएं। यह भी बताया जा रहा है कि पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति पर भी प्रभाव पड़ता है। बावजूद इसके किसान बात मानने को तैयार नहीं है। पराली जलाने वाले किसानों को आकाश से उपग्रह भी नजर रख रहा है और जिले में सैटेलाइट से मिले छायाचित्र के आधार पर 110 किसानों का निबंधन रद कर दिया गया है। 

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अपने खेत में पराली जलाने के आरोप में जिन किसानों का निबंधन रद किया गया है, उन्हें उन्हें कृषि योजनाओं के तहत मिलने वाले अनुदान और अन्य लाभ से वंचित कर दिया जाएगा। हाल में ही बिहार सरकार के कृषि सचिव का बक्सर आगमन हुआ था। उनकी समीक्षा बैठक में यह पाया गया था कि कृषि समन्वयक अपने क्षेत्र में पराली जलाने के मामले की मॉनीटङ्क्षरग नहीं कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दो कृषि समन्वयकों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की थी। इसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती के निर्देश पर लगातार सिंक्रोनस मेटरोलॉजिकल सैटेलाइट (एसएमएस) से जिले भर के खेतों की निगरानी की जा रही है। सैटेलाइट ने अपने कैमरे और भौगोलिक सेंसर के माध्यम से जिले के विभिन्न प्रखंडों के 110 भूखंडों को चिन्हित किया, जहां धान के अवशेष जलाए गए थे। सैटेलाइट इमेज का कृषि समन्वयकों स्थल पर जाकर भौतिक सत्यापन कराया गया और पराली जलाने की पुष्टि किए जाने के पश्चात सभी किसानों का निबंधन रद कर दिया गया। अब उन्हें अगले तीन सालों तक कृषि यंत्रों में छूट, विभिन्न अनुदान तथा अन्य कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ नहीं मिल सकेगा। 

प्राथमिकी दर्ज करने का भी है प्रावधान 

 खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण और मिट्टी की सेहत, दोनों को नुकसान हो रहा है। एक ओर पराली जलाने से हवा में कार्बन डायऑक्साइट की मात्रा बढ़ रही है, वहीं मिट्टी में पोषक तत्व बर्बाद हो रहे हैं। कृषि विभाग किसानों को पराली जलाने से बचने के लिए तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध करा रहा है, लेकिन कुछ किसान इसे समझने को तैयार नहीं हैं। सैटेलाइट से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार हर प्रखंड में पराली जलाई जा रही है। जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णानंद चक्रवर्ती के मुताबिक पराली जलाना बहुत गलत है और इसमें प्राथमिकी करने का भी प्रावधान है। जो किसान बार-बार यह गलती दोहराते रहेंगे तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।

किस प्रखंड में कितने किसानों पर कार्रवाई

प्रखंड            किसानों की संख्या

ब्रह्मपुर          2

इटाढ़ी           39

राजपुर           13

चौसा             9

डुमराँव            12

बक्सर             19

नावानगर           7

केसठ             7 


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