रक्षाबंधन पर 29 साल बाद बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग
तीन अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार पर सावन पूíणमा व श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बना है
पटना। तीन अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार पर सावन पूíणमा व श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बना है। इसी दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। ग्रहों के विशेष संयोग का बहन-भाइयों को विशेष लाभ मिलेगा। इस दिन 29 साल बाद सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ आयुष्मान योग का दुर्लभ संयोग बना है। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि इस बार सोमवार को सुबह 8:31 बजे के बाद से पूरे दिन बहन अपने भाई को राखी बांध सकती है। सावन की पांचवीं व अंतिम सोमवारी पर श्रवण नक्षत्र होने से इस दिन की महत्ता बढ़ गई है। मकर राशि में चंद्रमा व सोमवार को पूíणमा होने से सोमवती पूíणमा का भी अद्भुत संयोग बना है। रक्षाबंधन के दिन बच्चों का नामकरण, अन्नप्राशन, यात्रा, व्यापार, मोटर वाहन की खरीदारी करना शुभ बताया गया है।
ग्रहण और भद्रा से मुक्त रहेगा रक्षाबंधन
ज्योतिष आचार्य रूपेश पाठक ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन का पर्व भद्रा और ग्रहण से मुक्त होगा। शास्त्रों में भद्रा रहित काल में ही राखी बांधने का प्रचलन है। भद्रा रहित काल में राखी बांधने से सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। भद्रा काल दो अगस्त की रात 8.36 से तीन अगस्त 8.31 बजे तक रहेगा। इसके बाद भद्रा का साया समाप्त हो जाएगा। सावन पूíणमा पर कोई ग्रहण या बाधा नहीं होने से रक्षाबंधन का पर्व सौभाग्यशाली रहेगा। आचार्य ने बताया कि भद्राकाल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:-
शुभ मुहूर्त : सुबह 08:28 बजे से 10:30 बजे तक
अभिजित मुहूर्त : दोपहर 11:29 बजे से 12:22 बजे तक
गुली काल मुहूर्त : दोपहर 01:35 बजे से 03:14 बजे तक
राशि के अनुसार बांधें राखी
मेष - लाल, केसरिया या पीला रंग, वृष - नीला रंग, मिथुन - हरा रंग, कर्क - सफेद रंग, सिंह - गुलाबी, लाल, कन्या - सफेद, हरा, तुला - फिरोजी, जमुनी रंग, वृश्चिक - लाल रंग, धनु - पीला रंग, मकर - लाल रंग, कुंभ - रुद्राक्ष निíमत राखी, मीन - पीला या सफेद रंग की राखी बांधना शुभ है।