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दो हजार रुपए हर दिन की नौकरी के लिए डिग्री नहीं हथियार चाहिए, बिहार के कई जिलों में इनका नेटवर्क

बिहार के सोन नदी से सटे ज‍िलों में दो हजार रुपए हर दिन दरमाहा वाली नौकरी के बारे में जानिए पिस्टल से लेकर रायफल तक का अलग-अलग रेट तय सोन के बालू को लाल करने में अवैध से लेकर वैध तक की रही है संदिग्ध भूमिका

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 10:47 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 10:47 AM (IST)
दो हजार रुपए हर दिन की नौकरी के लिए डिग्री नहीं हथियार चाहिए, बिहार के कई जिलों में इनका नेटवर्क
भोजपुर में बालू माफ‍िया देते हैं नौकरी। फाइल फोटो

आरा, जागरण संवाददाता। लाइसेंसी या बिना लाइसेंस वाला कैसा भी हथियार हो, तो आपको भी नौकरी मिल जाएगी। हथियार चलाना आपको आना चाहिए, जरूरत पड़ने पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने का दम हो। गोलियां यानी कारतूस आपको फ्री में मि‍लेगा। ऐसी नौकरी बि‍हार के पटना, भोजपुर, रोहतास, अरवल और औरंगाबाद जिले में खूब हैं। ज‍ितना बढ़‍िया हथियार, उतनी अच्‍छी सैलरी। बालू के खेल में सोन के पानी को लाल करने में योगदान सभी का है। चाहे वो वैध हो या अवैध हो। इसकी बानगी कोईलवर से सहार सोन दियारा इलाके में घूमने पर दिखाई देती है। जहां, के अधिकांश कामगारों का दरमाहा(मजदूरी) योग्यता पर नहीं बल्कि उनके हाथ में माैजूद असलहे पर तय होता है। समय-समय पर उन्हें गोली छोड़ने की भी छूट रहती है। इसके लिए गोली फ्री में दी जाती है।

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पिस्‍टल वाले को दो हजार रुपए हर दिन

जानकार बताते हैं, पिस्टलधारी को दो हजार, रायफलधारी को डेढ़ हजार , बंदूकधारी को एक हजार और लठैत को पांच साै रुपये प्रतिदिन दी जाती है। कोईलवर के कमालुचक सोन दियारा इलाके में बालू घाट पर घटित भीषण गोलीबारी की घटना इसका ट्रेलर मात्र है। कांड में संलिप्त अधिकांश आरोपित अभी भी सलाखों के बाहर है। बालू घाटों पर छापेमारी के दौरान पुलिस रायफल, पिस्तौल से लेकर बंदूक तक बरामद करती रही है। नौ जनवरी 2021 को कोईलवर थाना क्षेत्र अन्तर्गत सेमरा, मानाचक- दौलतपुर दियारा इलाके में छापेमारी हुई थी। पुलिस के अनुसार उस समय सेमरा दियारा इलाके में छापेमारी के दौरान राकेश राय को लोडेड देसी रायफल व गोली के साथ पकड़ा गया था। इसके अलावा मानचाक दियारा इलाके में भी छापेमारी के दौरान एक देसी पिस्तौल व गोली के साथ एक संदिग्ध को पकड़ा गया था। इस छापे में करीब 60 लोग धराए थे। तीन दर्जन पोकलेन का क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।

पुलिस पर भी गोली चलाने में नहीं करते गुरेज

बालू के अवैध धंधेबाजों का मनोबल लंबे अर्से से बढ़ा हुआ है। यही वजह है कि वे छापेमारी के दौरान पुलिस पर भी गोली चलाने से गुरेज नहीं करते है। चार अगस्त 2020 को अवैध खनन रोकने के लिए गई पुलिस टीम पर धंधेबाजों ने गोलीबारी की थी। हालांकि, कोई हताहत नहीं हुआ था। घटना के दिन अवैध खनन व रंगदारी को लेकर दो गुटों में गोलीबारी हुई थी। जिसके बाद पुलिस टीम छापेमारी करने गई थी। इस दौरान पुलिस ने गैंग से जुड़े तीन धंधेबाजों को धर दबोचा था। जबकि, अन्य भाग निकले थे। उस समय सेमरियां निवासी विदेशी राय, उसके भाई अखिलेश राय एवं मानाचक निवासी मुन्ना राम को पकड़ा गया था। छापे के दौरान सोन नदी में हथियार फेंके जाने की बात सामने आई थी।

दबंग दूसरे की रैयती जमीनों से भी बंदूक की नोंक पर काटते हैं बालू

आग्नेयास्त्रों के बल पर रैयती जमीन से जबरन बालू काट कर बेचा जाता है। विरोध करने पर गोली मार दी जाती है। महुई- मानाचक सोन नदी के तटीय घाटों पर दिन-दहाड़े पोकलेशन मशीन लगाकर अवैध खनन किया जाता रहा । 29 जून 2021 को कोईलवर के सेमरिया बालू घाट पर गोलीबारी की घटना घटित हुई थी। जिसमें विजेन्द्र राय की गोली लगने से मौत हो गई थी खेत से जबरन बालू काटा जा रहा था विरोध करने पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 12 अगस्त 2021को कोईलवर थाना क्षेत्र के महादेवचक गांव के दियारा इलाके में खेत से बालू काटने का विरोध करने पर हथियारबंद बालू तस्करों ने एक युवक महावीर राम को गोली मार दी थी। 


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