Move to Jagran APP

Rupesh singh Murder case: जिसने कभी नहीं थामा हथियार, उसने ऑटोमैटिक पिस्‍टल से दाग दीं छह गोलियां

इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश सिंह की हत्‍या बाइक चोर रितुराज ने कर दी। वह भी इसलिए कि उसने वारदात से दो महीने पहले सड़क पर रितुराज की बाइक से कार भिड़ने के बाद रूपेश ने उसके साथ हाथापाई की थी।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 05:04 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 06:47 AM (IST)
Rupesh singh Murder case: जिसने कभी नहीं थामा हथियार, उसने ऑटोमैटिक पिस्‍टल से दाग दीं छह गोलियां
लोगों को नहीं समझ आ रही रूपेश सिंह हत्‍याकांड में पटना पुलिस की थ्‍योरी। जागरण आर्काइव।

पटना, जागरण संवाददाता। इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश सिंह की हत्‍या बाइक चोर रितुराज ने कर दी। वह भी इसलिए कि उसने वारदात से दो महीने पहले सड़क पर रितुराज की बाइक से कार भिड़ने के बाद रूपेश ने उसके साथ हाथापाई की थी। यह थ्‍योरी पटना पुलिस की है। मीडिया के सामने पटना पुलिस के कप्‍तान उपेंद्र कुमार शर्मा ने हत्‍याकांड के पीछे की सच्‍चाई और हत्‍यारोपित रितुराज की पारिवारिक पृष्‍ठभूमि बताई, उससे पुलिस थ्‍योरी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

loksabha election banner

एसएसपी का कहना है कि रितुराज बाइक चोर तो है, लेकिन उसने कभी हथियार नहीं थामा। जबकि, घटना के बाद सिपाही से लेकर पुलिस महकमे के मुखिया ने वारदात की शैली देखकर ये अंदेशा लगाया था कि हत्‍या प्रोफेशनल यानी अचूक निशानेबाजों ने की। अगर रितुराज ने इससे पहले कभी गोली नहीं चलाई थी तो फिर ऑटोमैटिक पिस्‍टल से उसने ताबड़तोड़ गोलियां कैसे बरसा दीं? गौरतलब है कि रूपेश की शरीर के एक ही तरफ छह गोलियां लगी थीं।

एसएसपी के मुताबिक, बाइक चोरी से रितुराज की आजीविका चलती थी। वह हर दस दिन पर बाइक बदलता था। गौर करने वाली बात है कि रितुराज के पिता मनोरंजन सिंह ईंठ का भट्ठा चलाते हैं। ऐसे में उसके पास धन-दौलत की कमी तो नहीं थी। इतने रुपये उसके परिवार के पास थे कि वह बाइक बदल-बदलकर इस्‍तेमाल कर सकता था। अगर वह लंबे समय से बाइक चोरी कर रहा था और अब तक नहीं पकड़ा गया तो इसमें पुलिस की विफलता है। बाइक चुराकर भागने के दौरान वह कई बाद हादसों का शिकार होता होगा तो क्‍या वह हर बार हत्‍या करने की ठान लेता था?

रितुराज पढ़ा-लिखा है। उसने कुछ साल दूसरे शहर में नौकरी भी की थी। ऐसे सूरत में वह कैसे नहीं समझ पाया कि रूपेश आखिर एयरलाइंस की ड्रेस में क्‍यों घूमते हैं और एयरपोर्ट पर क्‍यों आते-जाते हैं। उसे जब ये पता था कि रूपेश अक्‍सर शाम छह बजे घर लौटते थे तो वह अपने साथियों के साथ राजवंशी नगर मंदिर के पास चार घंटे तक घात लगाकर क्‍यों बैठा रहा? ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब ढूंढने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है।

पुलिस के लिए उस आर्म्‍स तस्‍कर तक पहुंचना चुनौती है, जिससे रितुराज ने ऑटोमैटिक पिस्‍टल खरीदी थी। पुलिस को यह भी पता करना होगा कि रितुराज अचूक‍ निशानेबाज कैसे बना और क्‍या उसने पहले भी कोई हत्‍या की थी? उसके पास से बरामद जिस पिस्‍टल को पुलिस हत्‍या में प्रयुक्‍त बता रही है, उसकी अब तक एफएसएल जांच नहीं हुई है। अंदेशा है कि जांच के बाद कहानी पलट सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.