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Rupesh singh Murder case: बिहार में ऐसा कभी नहीं हुआ, दो महीने बाद लिया रोडरेज का बदला

चर्चित रूपेश सिंह हत्‍याकांड का रहस्‍योद्घाटन करने का पटना पुलिस दावा तो कर रही है लेकिन किसी को वारदात के अनोखे कारण पर विश्‍वास नहीं हो रहा। न तो रूपेश के परिवार वाले पुलिस की थ्‍योरी को मान रहे हैं और न ही आम आदमी।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 05:51 PM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 06:51 AM (IST)
Rupesh singh Murder case: बिहार में ऐसा कभी नहीं हुआ, दो महीने बाद लिया रोडरेज का बदला
रूपेश हत्‍याकांड के पीछे की कहानी बताते एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा। जागरण।

पटना, जागरण संवाददाता। चर्चित रूपेश सिंह हत्‍याकांड के रहस्‍योद्घाटन का पटना पुलिस दावा तो कर रही है, लेकिन किसी को वारदात के अनोखे कारण पर विश्‍वास नहीं हो रहा। न तो रूपेश के परिवार वाले पुलिस की थ्‍योरी को मान रहे हैं और न ही आम आदमी। चूंकि, पुलिस के पास गिरफ्तार आरोपित रितुराज के घटनास्‍थल पर हाेने और फरारी के साक्ष्‍य मिले हैं, इसलिए उसकी सं‍लप्तिता से इन्‍कार नहीं किया जा सकता। मगर कहानी समझ से परे हैं।

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घटना की तारीख याद नहीं

वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी बताते हैं कि उन्‍होंने अपने कार्यकाल में रोडरेज की कई घटनाएं देखीं। लेकिन, यह मामला अनोखा इसलिए है कि वारदात के दो महीने बाद बदला लिया गया। आरोपित को रूपेश के गाड़ी के नंबर से लेकर दफ्तर आने-जाने तक का समय याद है। मगर वह यह नहीं बता पा रहा है कि उसकी बाइक रूपेश की कार से नवंबर 2020 में किस तारीख को टकराई थी? ऐसा इसलिए भी क्‍योंकि पुलिस एक ऐसे युवक को आरोपित बता रही है, जिसने पहली बार हथियार उठाया और शिकार का काम भी तमाम कर दिया।

रोडरेज में ऑन द स्‍पाॅट होता है फैसला

विशेषज्ञों का कहना है कि रूपेश सिंह की हत्‍या संगठित अपराध की श्रेणी में है। बिहार में पहले भी रोडरेज की घटनाएं हुई हैं, जिसमें गया में आदित्‍य सचदेवा की हत्‍या हाल के सालों में काफी चर्चित रही। रोडरेज की रिएक्‍शन तुरंत दिखता है। उसमें हाथापाई भी होकर भी मसला शांत हो जाता है तो कई बार हत्‍या भी हो जाती है। रोडरेज में जो कुछ होता है, ऑन द स्‍पॉट होता है। इसके लिए कोई दो महीने तक बैठकर प्‍लानिंग नहीं करता। अगर रितुराज बाइक चोर है तो वह दो महीने तक अपना धंधा-पानी छोड़कर रूपेश सिंह के पीछे ही पड़ा नहीं रहता।

पु‍लिस सच उगलवा नहीं पा रही

विशेषज्ञों की मानें तो रितुराज से पुलिस सच्‍चाई उगलवाने में कामयाब नहीं हाे पा रही। पुलिस को मनोवैज्ञानिक से मदद लेनी चाहिए, जिससे यह स्‍पष्‍ट हो सके कि रितुराज सच बोल रहा है या झूठ। संभव है कि रितुराज सुपारी किलर हो और वह साजिशकर्ता को बचाने की फिराक में है। नवंबर 2020 की जिस घटना का रितुराज जिक्र कर रहा है, उस दिन उसने रूपेश की गाड़ी को रोककर मारने का प्रयास किया हो। मगर रूपेश के साथ और लोग थे, इसलिए वह कामयाब नहीं हो सका।


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