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रोडरेज में हुई थी इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश सिंह की हत्‍या, पुलिस गिरफ्त में हथियार समेत दबोचा गया आरोपित

12 जनवरी की शाम करीब 7 बजे पुनाईचक स्थित कुसुम विला अपार्टमेंट के बेसमेंट में अपराधियों ने रूपेश सिंह को गोलियों से भून डाला था। इसके बाद से पुलिस लगातार तकनीकी जांच कर रही थी। मोबाइल नंबर का कस्‍टमर एप्‍लीकेशन फॉर्म निकालने पर उसकी तस्‍वीर भी मिल गई।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 03:52 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 09:57 PM (IST)
रोडरेज में हुई थी इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर रूपेश सिंह की हत्‍या, पुलिस गिरफ्त में हथियार समेत दबोचा गया आरोपित
पुलिस गिरफ्त में हत्‍यारोपित ऋतुराज (काले कपड़े से सिर ढका हुआ)। जागरण।

पटना, जागरण संवाददाता। पटना पुलिस ने इंडिगो एयरलाइंस के मैनेजर व पटना स्‍टेशन हेड रूपेश सिंह हत्‍याकांड का 23 दिन बाद राजफाश कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एक शूटर की गिरफ्तारी का दावा किया है। हत्‍यारोपित की पहचान रामकृष्‍ण नगर थाना क्षेत्र की आदर्श नगर कॉलोनी के रोड नंबर दो निवासी रितुराज (28 वर्ष) के रूप में हुई है। वारदात का कारण रोडरेज बताया जा रहा है। इस हत्‍याकांड में तीन और अपराधी शामिल थे। उनकी तलाश में पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।

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सीसीटीवी और मोबाइल नंबर से आरोपित तक पहुंची पुलिस

एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि 12 जनवरी की शाम करीब 7 बजे पुनाईचक स्थित कुसुम विला अपार्टमेंट के बेसमेंट में अपराधियों ने रूपेश सिंह को गोलियों से भून डाला था। इसके बाद से पुलिस लगातार तकनीकी जांच कर रही थी। छह सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले गए। डंप डाटा में चार हजार नंबरों की कॉल डिटेल खंगाली गई। एक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से हत्‍यारों की पल्‍सर बाइक के पीछे बैठे अपराधी का चेहरा दिखा। पुलिस उस बाइक को कैमरे से लगातार फॉलो कर रही थी। वही बाइक दूसरे कैमरे में अलग नंबर से मिली। दोनों नंबरों का पता लगाया गया तो मालूम हुआ कि एक नंबर फर्जी है, जबकि दूसरे रजिस्‍ट्रेशन नंबर से रितुराज  के घर का पता मिल गया। उसमें रितुराज का मोबाइल नंबर भी था। मोबाइल नंबर का कस्‍टमर एप्‍लीकेशन फॉर्म निकालने पर उसकी तस्‍वीर भी मिल गई।

वारदात के समय स्‍वीचऑफ कर लिया था मोबाइल

एसएसपी के मुताबिक, घटना से चार घंटे पहले रितुराज और उसके साथियों ने अपने मोबाइल को स्‍वीचऑफ कर लिया था। पुलिस ने उसके मोबाइल की कॉल डिटेल्‍स खंगाली तो मालूम हुआ कि उसने दो दिन बाद बैरिया में मोबाइल स्‍वीचऑन कर तुरंत बंद कर लिया। इसके बाद उसका मोबाइल रांची (झारखंड) में खुला। इससे पुलिस का संदेह गहरा गया। मोबाइल कंपनी से मिले कस्‍टर एप्‍लीकेशन फॉर्म पर रितुराज की तस्‍वीर थी, जो सीसीटीवी कैमरे में पल्‍सर बाइक के पीछे बैठे हत्‍यारे के चेहरे से मिल रही थी। इसके बाद पुलिस रितुराज की हरेक गतिविधि पर नजर रखने लगी और उसे रांची-पटना के बीच सड़क से उठा लिया गया।

ऋतुराज की अनोखी कहानी सुनकर दंग रह गई पुलिस

एसएसपी की मानें तो रितुराज ने हत्‍या का कारण स्‍पष्‍ट किया है, जो सुनने में अटपटा तो लगता है मगर उसकी हरेक बात की पुष्टि हुई है। रितुराज की परिवार की आर्थिक हालत सुदृढ़ है, लेकिन वह बाइक चोरी करता है। वाकया नवंबर 2020 का है। पटना एयरपोर्ट से चितकोहरा जाने के क्रम में लोजपा के प्रदेश कार्यालय के पास रितुराज चोरी की बाइक से कट ले रहा था, तभी रूपेश सिंह अपनी एमजी हेक्‍टर कार से तेज रफ्तार में जा रहे थे। बाइक उनकी कार से भिड़ गई और वह मरते-मरते बचा। इसके बाद रूपेश ने गाड़ी से उतरकर उसे पिटाई कर दी और पुलिस के हवाले करने की बात कहने लगे। रूपेश के साथ कार में कुछ लोग और थे। चूंकि, रितुराज चोरी की बाइक से था, इसलिए पुलिस के पास जाने की बात सुनते ही वह माफी मांगकर आगे चल गया। थोड़ी दूर आगे जाने के बाद वह मुड़ा और रूपेश की गाड़ी का पीछा करते हुए पटेल गोलंबर तक गया। इस बीच उसने रूपेश की कार का रजिस्‍ट्रेशन नंबर कंठस्‍थ याद कर लिया।

चार बार की मारने की कोशिश, लेकिन नहीं मिली सफलता

एसएसपी के अनुसार, रितुराज ने रूपेश को चार बार मारने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सका। हालांकि, लगातार प्रयासरत रहने के कारण उसे रूपेश के दिनचर्या की जानकारी मिल गई थी। वारदात के दिन दोपहर 2:58 मिनट से वह राजवंशी नगर हनुमान मंदिर से सटी चाय दुकान पर बैठा रहा। शाम करीब छह बजे रूपेश वहां से गुजरे तो रितुराज और उसके साथी बाइक से पीछा करने लगे। मौका पाकर उन्‍होंने कुसुम विला अपार्टमेंट (जहां रूपेश परिवार के साथ रहते थे) के बेसमेंट में रितुराज ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान रूपेश को छह गोलियां लगीं और घटनास्‍थल पर ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपित फरार हो गए। एसएसपी ने दावा किया है कि उनके पास रितुराज के खिलाफ पुख्‍ता सबूत हैं। फरार आरोपित भी पटना के ही रहने वाले हैं।


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