कार्तिक स्नान की होड़ में टूटा शारीरिक दूरी का नियम, सभी ट्रेनों में लदकर पटना पहुंचे लोग
Kartik Snan कार्तिक पूर्णिमा के पावन मौके पर गंगा स्नान करने की होड़ में ट्रेनों में और स्टेशनों पर कोरोना से बचाव के लिए शारीरिक दूरी के नियम तार-तार हो गये। पटना जंक्शन पर तो रविवार की शाम से ही लोग उमड़ने लगे थे।
पटना, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने आए आसपास के शहरी इलाकों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु सुबह चार बजे से ही गंगा स्नान कर घर लौटने के लिए ट्रेन पकड़ने पटना जंक्शन पहुंचने लगे। सुबह पांच बजते-बजते पटना जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने वाले श्रद्धलुओं की भीड़ उमड़ने लगी। जिसे जहां जाना था वह उस क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों में जगह लेकर बैठ गया या फिर खड़े-खड़े ही यात्रा करने लगे। भीड़ से बचने के लिए बहुत सारे श्रद्धालु सुबह चार बजे ही गंगा स्नान कर लिए थे। बिहटा, आरा, बिहिया आदि क्षेत्रों के रहने वाले सैकड़ाें लोग सुबह 5.15 बजे खुल रही 03483 अप फरक्का एक्सप्रेस से ही रवाना हो गए। उसी समय साहेबगंज इंटरसिटी भी खड़ी थी, जिससे पूरब की ओर जाने वाले श्रद्धालु सवार हो गए। सुबह आठ बजे तक पटना जंक्शन से 14 ट्रेनें विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रस्थान कीं, जिसपर हजारों की संख्या में श्रद्धालु सवार होकर वापस घर लौट गए।
सुबह से ही पटना जंक्शन पर लगा रहा यात्रियों का रेला
सुबह से ही पटना जंक्शन पर जाने वालों का ही नहीं बाहर से आने वालों का भी रेला लगा हुआ था। जितनी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने पटना से वापस घर लौट रहे थे, उनसे कहीं अधिक बाहर से गंगा स्नान करने पटना आने वालों की भीड़ थी। हटिया व धनबाद की ओर से आने वाली ट्रेनें पूरी तरह हाउसफुल होकर पहुंची थीं। इन ट्रेनों में गया से पुनपुन तक के यात्री गंगा स्नान के लिए सवार हो गए थे। सुबह में गया की ओर से आने वाली सवारी गाड़ी भी लदकर पहुंची थी।
रात के दो बजे से ही गंगा स्नान के लिए निकल पड़े श्रद्धालु
बहुत सारे श्रद्धालु जो रात में ही पटना पहुंच गए थे, वे किसी न किसी तरह से पटना जंक्शन के ही प्लेटफाॅर्म पर शरण ले रखे थे। यहां से दो बजे रात को ही पैदल ही गंगा स्नान करने निकल पड़े थे। सुबह पांच बजे तक वापस भी लौट गए और किसी न किसी ट्रेन से अपने घर के लिए निकल गए। पटना जंक्शन पर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया था। जंक्शन के सभी 10 प्लेटफाॅर्म पर जीआरपी अथवा आरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया था। फुट ओवरब्रिज पर भीड़ न लगे, इसके लिए जवानों को तैनात किया गया था, जो श्रद्धालुओं को प्लेटफाॅर्म अथवा जंक्शन परिसर में जाने को कह रहे थे। सीसी टीवी कैमरे से राउंड ओ क्लॉक निगरानी की जा रही थी। सभी ट्रेनों का विधिवत एनाउंसिंग की जा रही थी। श्रद्धालुओं की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेनें भी चलाई गईं।