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राजगीर जू सफारी पहुंचा रॉयल बंगाल टाइगर, एक बार में खाता है 30 किलो मांस

जू सफारी अप्रैल के अंत में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका उद्घाटन करेंगे। इसी माह दो जोड़ी शेर व दो जोड़ी भालू लाए जाएंगे। जू सफारी में फायर सेफ्टी को लेकर मंगाई जाएगी लीफ ब्लोअर मशीन।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 05:33 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 05:44 PM (IST)
राजगीर जू सफारी पहुंचा रॉयल बंगाल टाइगर, एक बार में खाता है 30 किलो मांस
पटना से लाया गया रॉयल बंगाल टाइगर की सांकेतिक तस्‍वीर ।

राजगीर, जागरण संवाददाता। राजगीर में रॉयल बंगाल टाइगर की दहाड़ सुनाई देने लगी है। मंगलवार की रात में पटना जू से एक टाइगर राजगीर के वाइल्ड लाइफ जू सफारी में खुले में छोड़ा गया है। सफारी के डायरेक्टर हेमंत पाटिल ने बताया कि इसी माह दो जोड़ी शेर और दो जोड़ी भालू भी यहां लाए जाएंगे। जिसकी कवायद चल रही है। जू सफारी को अचूक फायर सेफ्टी से लैस करने की भी तैयारी है। इसके लिए लीफ ब्लोअर मशीन मंगाई जाएगी, जो जंगल में आग लगने की स्थिति में दूर से ही रसायन का छिड़काव कर आग पर काबू पा लेगी। सब कुछ तयशुदा ढंग से चला तो अगले माह अप्रैल के अंत में जू सफारी को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका उद्घाटन करेंगे। सफारी में पर्यटकों के घुमने के लिए गाडिय़ां भी मंगवाई जा रही हैं। जू सफारी में जानवर खुले क्षेत्र में रहेंगे और दर्शक बंद गाड़ी में बैठ कर उन्हें नैसर्गिक माहौल में देखेंगे। जू सफारी में जानवरों को डबल प्रोटेक्शन में रखा जाएगा। प्रत्येक सफारी में जानवरों को पानी पीने के लिए तालाब बनाए गए हैं।

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 जानकारी के मुताबिक टाइगर सफारी में अधिकतम दो बाघ-दो बाघिन सहित लॉयन सफारी में दो शेर, दो शेरनी और बियर सफारी में दो नर भालू तथा दो मादा भालू रखे जाएंगे। उसके बाद तेंदुए को लाने की तैयारी शुरू होगी।

फरवरी में बार्किंग, हाग डियर व सांभर लाए जा चुके

बता दें कि बीते फरवरी माह में शाकाहारी जानवरों की पहली खेप आई थी। जिनमें बार्किंग यानी काकड़ प्रजाति के 8 हिरण शामिल थे। इन्हें हॉर्वीवॉर यानी शाकाहार पशु सफारी में रखा गया है। इसी सफारी में हॉग डीयर और सांभर भी हैं।  

राष्ट्रीय पशु बंगाल टाइगर की विशेषताएं

रॉयल बंगाल टाइगर यानी बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है। इसे यह सम्मान इसकी खूबसूरती और ताकत को देखते हुए दिया गया है। ये भारतीय जीवों में सबसे सुंदर मांसाहारी हैं। यह शक्ति, चपलता और अनुग्रह का प्रतीक है। यह संयोजन किसी अन्य जानवर में नहीं है। भारत के राष्ट्रीय पशु के रूप में इन सभी गुणों का प्रतिनिधि है। रॉयल बंगाल टाइगर का वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस टाइग्रिस है। यह जीनस पैंथेरा यानी शेर, टाइगर, जगुआर और तेंदुए में से सबसे बड़ी बिल्ली है। रॉयल बंगाल टाइगर भारत में पाए जाने वाले बाघों की आठ नस्लों में से है। यह उप-प्रजाति भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और दक्षिण तिब्बत के तराई वाले जंगलों में पाई जाती है।

एक बार में 30 किलो खा सकते हैं मांस, तीन सप्ताह कर सकते उपवास

 रॉयल बंगाल टाइगर एक बार में 30 किलोग्राम तक मांस खा सकते हैं और बिना भोजन के तीन सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं। ये एकांत में रहना पसंद करते हैं और आमतौर पर शांत रहते हैं। गद्देदार पंजे, उत्कृष्ट ²ष्टि, गंध और सुनने की गहरी समझ होती है। इसके नर की लंबाई नाक से पूंछ तक 3 मीटर तक होती है। वजन 180 से 300 किलोग्राम के बीच होता हैं। अब तक के सबसे बड़े रॉयल बंगाल टाइगर का वजन लगभग 390 किलोग्राम है।


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