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पटना, एम्‍स में डॉक्‍टर बन कोरोना संक्रमित के इलाज के नाम पर ठगी करने वाला बदमाश गिरफ्तार

एम्स पटना में भर्ती कोरोना मरीज की बेटी से फर्जी डॉक्‍टर ने 41 हजार रुपये ठगे थे। अस्‍पताल के अंदर से पिता से वीडियो कॉल करा विश्‍वास में लिया था। दानापुर स्थित नर्सिंग होम से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 09:29 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 09:29 AM (IST)
पटना, एम्‍स में डॉक्‍टर बन कोरोना संक्रमित के इलाज के नाम पर ठगी करने वाला बदमाश गिरफ्तार
कोरोना पी‍डि़त से इंजेक्‍शन के नाम पर ठगी की थी, सांकेतिक तस्‍वीर ।

जागरण संवाददाता, फुलवारीशरीफ।   एम्स पटना में कोरोना संक्रमण के इलाजरत मरीज के लिए बाहर से दवा मंगाने के नाम पर बेटी से से 40 हजार रुपये की ठगी करने वाले डॉ. जय प्रकाश को पुलिस ने दानापुर स्थित नर्सिंग होम से शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

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ठग ने खुद को पीडि़त का रिश्‍तेदार बताया

  डॉ. जयप्रकाश के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसके मोबाइल को सर्विलांस पर रखा था। पता चला कि वह दानापुर के एक निजी नर्सिंग होम के आसपास कहीं है। तत्काल पुलिस की टीम उस नर्सिंग होम में मरीज बनकर पहुंच गई। थाने की दारोगा पूनम कुमारी और गणेश कुमार इलाज कराने के लिए सादे कपड़े में पहुंचे। जैसे ही वह मरीज को देखने पहुंचा, पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसे हिरासत में लेकर थाने लाया गया। देर रात तक डॉ. जयप्रकाश से पूछताछ की जा रही है। कभी जयप्रकाश अपने को वादी साक्षी गुप्ता का रिश्तेदार बता रहा है तो कभी भाई के इलाज के नाम पर 40 हजार रुपये लेने की बात कह रहा है। हालांकि साक्षी रिश्तेदार होने की बात को नकार रही है।

क्या है मामला

रोहतास के संझौली की निवासी साक्षी गुप्ता ने 24 जनवरी को फुलवारीशरीफ थाने में लिखित शिकायत में बताया था कि उनके पिता को कोरोना के कारण 17 जुलाई को एम्स पटना में भर्ती किया गया था। वार्ड तक जाने की अनुमति नहीं थी। इसके बाद  डॉ. जयप्रकाश के संपर्क किया। उसने वार्ड में इलाज की सुविधा व बाहर से दवा मंगाने के नाम पर 40 हजार 900 रुपये ठग लिए। इलाज के दौरान पीडि़ता के पिता की मृत्यु हो गई थी।

इसके बाद घर से ही उसने प्रधानमंत्री को मेल व‍ ट्विटर से जानकारी दी। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से जवाब आया। फुलवारीशरीफ स्थित एम्‍स, पटना को जांच का आदेश दिया गया। 20 जनवरी को जांच कर एम्‍स प्रबंधन ने बताया कि डॉ जयप्रकाश नाम से उनके यहां कोई चिकित्‍सक नहीं हैं। तब साक्षी ने पूछा कि अस्‍पताल के अंदर से किसी बाहरी ने फोटो और वीडियो कॉल कैसे करा लिया। इसपर एम्‍स प्रबंधन के पास कोई जवाब नहीं था। इसके बाद फुलवारीशरीफ थाना में एफआइआर दर्ज करा दी गई।


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