झारखंड और कोलकाता की जेवर दुकानों को भी निशाना बना चुका है रवि पेशेंट, बंगाल पुलिस भी आई थी पटना
कुख्यात रवि पेशेंट का लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। पटना में जून 2019 में पंचवटी ज्वेलर्स में चार करोड़ का सोना लूटने के बाद रवि अपने करीबी ओमप्रकाश उर्फ गुड्डू के साथ पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जिले में भाग गया था। वहां उसने स्थानीय अपराधियों को गिरोह में शामिल किया और आसनसोल के साउथ विहार थाना क्षेत्र में एक ज्वेलरी शाप में एक करोड़ से अधिक के जेवरात लूट की घटना की थी।
पटना। कुख्यात रवि पेशेंट का लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। पटना में जून 2019 में पंचवटी ज्वेलर्स में चार करोड़ का सोना लूटने के बाद रवि अपने करीबी ओमप्रकाश उर्फ गुड्डू के साथ पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जिले में भाग गया था। वहां उसने स्थानीय अपराधियों को गिरोह में शामिल किया और आसनसोल के साउथ विहार थाना क्षेत्र में एक ज्वेलरी शाप में एक करोड़ से अधिक के जेवरात लूट की घटना की थी। लूटे गए सोने के बटवारे को लेकर गिरोह के गुर्गो में झड़प हो गई थी। झारखंड के धनबाद जिले में रवि ने अपने ही गिरोह के दो गुर्गो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद वह बिहार के लखीसराय जिले में छिपकर रहने लगा। झारखंड, बंगाल और पटना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर धनबाद से रवि और गुड्डू को दबोच लिया था। चोरी की बाइक से लूट व डकैती की घटनाएं करना रवि की अपराधशैली में शुमार है। उसके गिरोह में कई राज्यों के बदमाश शामिल हैं। यही कारण है कि किसी भी राज्य की पुलिस गिरोह के सभी सदस्यों को चिह्नित नहीं कर पाती है।
----------- साधु के पकड़े जाने के बाद छिप गए अपराधी एक पुलिस अधिकारी की मानें तो बाकरगंज में डकैती कांड में एक अपराधी के पकड़े जाने के बाद उसके साथी अब तक अंडरग्राउंड हो गए होंगे। हालांकि, लूटा गया सोना उनके पास नहीं होगा। सोना को उन्होंने कहीं सुरक्षित स्थान पर छिपा दिया होगा। जांच टीम को उन दुकानदारों पर भी पैनी नजर रखनी चाहिए, जो लूट का सोना खरीदते हैं। इसके लिए पटना पुलिस को दूसरे राज्यों की पुलिस से भी संपर्क करना चाहिए। -------- नए लड़कों को मौका देता है रवि पेशेंट रवि पेशेंट उर्फ रवि गुप्ता अपने गिरोह में नए लड़कों को मौका देता है। वह ऐसे लड़कों को अपने गिरोह में शामिल करता है, जो नशे के आदी हो मगर कभी किसी कांड में पकड़े नहीं गए। अक्सर वारदात को अंजाम देने के बाद रवि गुर्गो को अलग छोड़कर दूसरी जगह छिप जाता है ताकि कोई पकड़ा भी जाए तो पुलिस को उसके ठिकाने की जानकारी नहीं मिल सके। उसे नए लड़के मास्टरजी और नेताजी भी कहकर बुलाते हैं।