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कुशवाहा-शाह की दिल्ली में होगी मुलाकात: RLSP सुप्रीमो को मना लेंगे अमित शाह!

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को दिल्ली तलब किया है। जदयू-भाजपा के सीट बंटवारे से कुशवाहा खुश नहीं हैं। तो क्या शाह कुशवाहा को मना लेंगे....

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 11:13 AM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 01:36 PM (IST)
कुशवाहा-शाह की दिल्ली में होगी मुलाकात: RLSP सुप्रीमो को मना लेंगे अमित शाह!
कुशवाहा-शाह की दिल्ली में होगी मुलाकात: RLSP सुप्रीमो को मना लेंगे अमित शाह!

पटना [जेएनएन]। लोकसभा चुनाव से पहले जहां जदयू-भाजपा ने फिफ्टी-फिफ्टी पर सीटों का तालमेल सार्वजनिक रूप से कर दिया है वहीं बिहार में एनडीए के दोनों घटक दलों की खुशी थोड़ी मद्धम पड़ती नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में अपने बयानों से भाजपा की बेचैनी बढ़ाने वाले उपेंद्र कुशवाहा को क्या अमित शाह मना लेंगे। दोनों की मुलाकात को अहम माना जा रहा है।  

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ताजा घटनाक्रम में सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की आज शाम या कल सुबह दिल्ली में मुलाक़ात हो सकती है। बता दें कि तेजस्वी से मुलाकात और जदयू से फिफ्टी -फिफ्टी सीटों के तालमेल के बाद अब अमित शाह ने उपेंद्र कुशवाहा को दिल्ली तलब किया है। 

अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक दोनों नेताओं की यह मुलाकात दिल्ली में आज ही होने वाली है लेकिन लेकिन उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल बिहार में हैं और आज शाम छह बजे उनके दिल्ली जाने की बात सामने आ रही है।

बता दें कि भाजपा-जेडीयू के बीच 50-50 फॉर्मूले को लागू करने के बाद 17-17 सीटों पर दोनों दलों के चुनाव लड़ने के एेलान के बाद से ही कुशवाहा की नाराजगी सामने आई थी और यही कारण था कि उन्होंने उसी दिन उपेंद्र कुशवाहा ने राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी। अब उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी को भांपते हुए बीजेपी उन्हें मनाने की कोशिश कर सकती है। 

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को ही बताया था कि लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर बातचीत के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ओर से मुझे निमंत्रण मिला है। लेकिन मैं अगले दो दिनों तक बिहार में पार्टी के सांगठनिक कार्यक्रमों में व्यस्त हूं और 29 अक्टूबर को दिल्ली जाऊंगा।

इस बीच रालोसपा नेताओं ने यह स्पष्ट किया है कि अगर रालोसपा को 'सम्मानजनक' सीटें नहीं मिली तो पार्टी की तरफ से अन्य राजनैतिक विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी रालोसपा को तीन सीटें मिली थीं और इन तीनों सीट पर पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इसीलिए पार्टी ने इस बार भी तीन सीटों की मांग की है लेकिन 17-17 के बंटवारे के बाद छह सीटें ही बच रही हैं जिसमें से चार सीटें लोजपा और दो सीटें रालोसपा के खाते में जाने के कयास लग रहे हैं। या फिर, भाजपा अपनी सीटों में समझौता कर घटक दलों को खुश करे। 

जहां एक ओर लोजपा भी सीटों के बंटवारे से उतनी खुश नहीं है वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने भी राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात कर भाजपा की बेचैनी बढ़ा दी है। अब अमित शाह और उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात को कई मायनों में अहम माना जा रहा है।

उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि 'उपेंद्र कुशवाहा को पहले भी अपनी पार्टी में न्योता दे चुके हैं। अब फैसला उन्हें करना है। वो महागठबंधन में आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।तेजस्वी से मुलाकात के बाद कुशवाहा ने कहा कि एनडीए में सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

बीजेपी और जेडीयू में सीटों की सहमति को लेकर रालोसपा नेता ने कहा कि 50:50 के फार्मूले का कोई अंत नहीं है। यह 5-5 सीट या 15-15 सीट या 25-25 सीट भी हो सकता है। जब तक कुछ तय नहीं होता है तब तक कुछ बोलना कैसे संभव है?


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