विधानसभा में राजद अध्यक्ष के विधायक पुत्र बोले-हम कामना करते हैं, नीतीश कुमार बन जाएं प्रधानमंत्री
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद की नजर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ठीक ढंग से शासन नहीं कर रहे हैं। इसके उलट उनके पुत्र और राजद के विधायक सुधाकर सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में कामना की-नीतीश पीएम बन जाएं।
राज्य ब्यूरो, पटना: राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद की नजर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ठीक ढंग से शासन नहीं कर रहे हैं। इसके उलट उनके पुत्र और राजद के विधायक सुधाकर सिंह ने मंगलवार को विधानसभा में कामना की-नीतीश पीएम बन जाएं। वे जल संसाधन विभाग के बजट पर पेश कटौती प्रस्ताव के पक्ष में बोल रहे थे। बता रहे थे कि टाल ने नीतीश कुमार को शीर्ष पर पहुंचाया। हम कामना करते हैं कि वे पीएम भी बन जाएं। लेकिन, मोकामा टाल से जुड़े लाखों लोगों की समस्या का निदान कर दें। उनके कहने का भाव यही था कि जिस टाल ने नीतीश कुमार को बहुत कुछ दिया, वह आज भी उपेक्षित है। विभागीय मंत्री संजय झा ने अपने जवाब के दौरान टाल के लिए 11 सौ करोड़ रुपये से अधिक की योजना की घोषणा की।
पिता को दिया सरकारी आश्वासन आज तक पूरा नहीं
जहानाबाद के राजद विधायक कृष्ण मोहन ऊर्फ सुदय यादव की यह पीड़ा भाषण के दौरान छलक पड़ी कि उनके पिता को दिया गया सरकारी आश्वासन आज तक पूरा नहीं हुआ। उनके पिता मुंद्रिका सिंह यादव ने विधायक की हैसियत से 15 साल पहले विधानसभा में एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया था। यह हमीदनगर-पुनपुन सिंचाई परियोजना के निर्माण से जुड़ा था। सुदय के मुताबिक उनके पिता को सरकार की ओर से आश्वासन मिला था कि योजना पूरी होगी। आजतक पूरी नहीं हुई। वे चाह रहे हैं कि उनके दिवंगत पिता को सदन में दिए गए आश्वासन पर सरकार अमल करे।
जाम इतना कि हम किसी तरह सदन में आए...
भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह बिना अनुमति के बोलने लगे। कह रहे थे कि बिहटा-कोईलवर-आरा के बीच साल भर से जाम लग रहा है। हम किसी तरह अभी सदन में आए हैं। विपक्षी सदस्य शर्म-शर्म के नारे लगाने लगे। राघवेंद्र बोले-इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। समस्या है। सरकार निदान करे। सरकार सूचना ग्रहण करे। मंत्री मुकेश सहनी भाषण दे रहे थे। कह रहे थे-पशुओं के लिए ऐसा चारा मंगाएंगे, जिसे आदमी नहीं खा पाएगा।
तबीयत को लेकर भी की चिंता
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव को कांग्रेस विधायक विजय शंकर दुबे की तबीयत को लेकर भारी चिंता हुई। दुबे भाषण दे रहे थे। गला फंसा हुआ था। बिजेंद्र बाबू बोले-दुबेजी आपकी आवाज भारी क्यों है? जवाब मिला-थोड़ी सर्दी हो गई है। आप मेरा ख्याल रखते हैं। इसके लिए धन्यवाद। गले में खराबी के कारण विजय शंकर दुबे अपना भाषण पूरा नहीं कर पाए। उनके भाषण का बाकी हिस्सा पढ़ा हुआ मान लिया गया।