बाडीगार्ड की हत्या के मामले में बढ़ी राजद विधायक की मुश्किलें, छपरा कोर्ट में दाखिल हो गई चार्जशीट
मामला एक नेता के अंगरक्षक की हत्या से जुड़ा हुआ है। अगर इस मामले में राजद विधायक को सजा सुनाई जाती है तो तेजस्वी यादव की राह और मुश्किल हो सकती है। आपराधिक मामले में सजा होने के बाद विस की सदस्यता रद किए जाने का प्रावधान भी है।
छपरा, जागरण संवाददाता। सारण जिले के बनियापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से राजद के विधायक केदारनाथ सिंह की मुश्किल बढ़ गई है। पुलिस जांच में उन्हें भाजपा नेता के निजी बाडीगार्ड की हत्या में दोषी पाया गया है। सारण जिले की पुलिस ने विधायक के खिलाफ चार्जशीट (आरोप गठन) दाखिल कर दी है। सारण जिला न्यायालय में विशेष न्यायाधीश (जनप्रतिनिधि) सह एडीजे तृतीय नलिन कुमार पाण्डेय की कोर्ट ने मशरक थाना क्षेत्र में दर्ज हत्या के मामले सरकार बनाम केदारनाथ सिंह वगैरह में विधायक सहित अन्य लोगों पर आरोप का गठन किया गया। मामला एक भाजपा नेता के निजी अंगरक्षक की हत्या से जुड़ा हुआ है। अगर इस मामले में राजद विधायक को सजा सुनाई जाती है तो तेजस्वी यादव की राह और मुश्किल हो सकती है। आपराधिक मामले में सजा होने के बाद विस की सदस्यता रद किए जाने का प्रावधान भी है।
न्यायालय में पेश हुए विधायक और उनके भतीजे
इस मामले को लेकर आरोपित दीनानाथ सिंह को केंद्रीय कारा हजारीबाग से वीडियो काल कराया गया। दीनानाथ सिंह एक अन्य मामले में हजारीबाग सेंट्रल जेल में बंद है। अन्य आरोपितों में बनियापुर के राजद विधायक केदारनाथ सिंह एवं उनके भतीजे सुधीर कुमार सिंह न्यायालय में उपस्थित हुए। कोर्ट ने तीनों आरोपितों पर धारा 302/34 आर्म्स एक्ट के तहत आरोप का गठन किया।
बीडीसी की बैठक के दौरान चली थी गोली
27 नवंबर 2011 को मशरक प्रखंड में बीडीसी की बैठक के दौरान गोली चली थी। इसमें भाजपा नेता उपेंद्र कुमार सिंह के निजी बाडीगार्ड मुन्ना सिंह को गोली लगने से उनकी मृत्यु हो गई थी। मामले में उपेंद्र सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में उन्होंने बनियापुर के विधायक केदारनाथ सिंह सहित अन्य को आरोपित किया था।
एक और मामले में भी आरोप गठन
अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अखिलेश्वर सिंह, सूचक की ओर से संजय कुमार सिंह एवं बचाव पक्ष से कुंज बिहारी सहाय ने अपना-अपना पक्ष न्यायालय में रखा। इसी हत्या कांड के अंतर्गत एक और सत्र वाद 382/18 में आरोपित महेश्वर सिंह एवं उपेंद्र कुमार सिंह पर हत्या मामले में आरोप गठन किया गया। इसमें सूचक पूर्व प्रखंड प्रमुख लालती देवी थीं। इसमें बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह एवं दूसरे पक्ष की ओर से नीरज कुमार श्रीवास्तव ने न्यायालय में पक्ष रखा।