Bihar Politics: तेजस्वी ने RLSP के RJD में विलय का किया स्वागत, उपेंद्र कुशवाहा के दावे पर उठाए सवाल
Bihar Politics पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का राजद में विलय हो गया है। यह दावा तेजस्वी यादव ने किया है। उन्होंने दावा किया है कि रालोसपा का शनिवार को ही राजद में विलय हो गया था। उन्होंने इस विलय का स्वागत किया है।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। Bihar Politics, RLSP merger in JDU: पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी रालोसपा का लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पार्टी राजद (RJD) में विलय हो गया है। यह दावा भले खुद उपेंद्र कुशवाहा के दावे से मेल नहीं खाता है, लेकिन लालू के छोटे बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इसका बकायदा इसका ऐलान कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि रालोसपा का शनिवार को ही राजद में विलय हो गया था। उन्होंने इस विलय का स्वागत किया है। गौरतलब है कि उपेंद्र कुशवाहा ने आज ही अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की पार्टी जदयू (JDU) में विलय कराने का ऐलान किया है। दोनों दलों के नेताओं की उपस्थिति में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस पर मुहर लगा दी है।
रविवार की सुबह ट्वीट कर उपेंद्र कुशवाहा पर बोला हमला
इस बाबत तेजस्वी ने रविवार की सुबह एक ट्वीट कर जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि रालोसपा के संस्थापक सदस्यों और सभी प्रमुख नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी से बर्खास्त करने के बाद अपने दल का राजद में विलय कर दिया। उनके इस ट्वीट के मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा अब रालोसपा के सदस्य भी नहीं रहे तो वे पार्टी का जदयू में विलय कैसे कराएंगे। इस बात तेजस्वी ने शनिवार को भी बयान दिया था। उन्होंने शनिवार को ही कहा था कि पूरी रालोसपा का राजद में विलय हो गया है। अब राजद से बाहर रालोसपा के नेताओं में केवल अकेले उपेंद्र कुशवाहा ही बचे हैं। वे किसी पार्टी का नहीं बल्कि खुद का विलय कराएंगे। इस अनोखे अंदाज में तेजस्वी ने उपेंद्र पर कटाक्ष करते हुए करारा हमला किया है।
अब ऐसे दावों का कोई खास मतलब शायद ही हो
उपेंद्र कुशवाहा ने खुद जदयू में जाने का फैसला किया है। पार्टी के दूसरे नेताओं ने भी उनके फैसले से सहमति जताई है। यह अलग बात है कि पार्टी के कई नेता पहले ही राजद में जा चुके हैं। अब रालोसपा का असली मालिक कौन हुआ, इसका कोई खास मतलब नहीं रह जाता, क्योंकि दोनों ही तरीकों से अब रालोसपा का अस्तित्व नहीं बचा है। दीगर बात यह है कि रालोसपा की पहचान उपेंद्र कुशवाहा की वजह से थी और उनके आने का फायदा अब जदयू को मिलेगा।