तेज प्रताप ने अंदर व बाहर के विरोधियों को दिया जवाब, पीएमसीएच जाकर बोले- लालू रसोई शुरू हो गई
Bihar Politics तेज प्रताप यादव ने लोगों ने कहा कि अब लालू की रसोई शुरू हो गई है और उन्हें खाने की समस्या नहीं होगी। जदयू के मुताबिक तेज प्रताप का यह प्रस्ताव उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव को रास नहीं आया था।
पटना, जागरण संवाददाता। Bihar Coronavirus Politics: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव सोमवार को अपने उन विरोधियों का जवाब देने बाहर निकले, जो हर आपदा के वक्त दोनों भाइयों पर छिप जाने का आरोप लगा रहे थे। राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और फिलहाल समस्तीपुर के हसनपुर से विधायक तेज प्रताप यादव सोमवार को अचानक पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) पहुंचे और कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके स्वजनों के लिए खाने के पैकेट बांटे। गौरतलब है कि एक दिन पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ वर्चुअल मीटिंग में उन्होंने लालू रसोई शुरू करने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि जदयू के मुताबिक तेज प्रताप का यह प्रस्ताव उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव को रास नहीं आया।
करीब आधे घंटे तक रहे अस्पताल में, मरीजों का जाना हाल
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप ने सोमवार को पीएमसीएच में भर्ती कोरोना संक्रमितों के स्वजन के बीच खाना बांटा। वह करीब आधे घंटे तक वहां रहे और तीमारदारों से इलाज व्यवस्था की जानकारी लेते हुए उन्हें खाने के पैकेट दिए। जबतक वे वहां रहे कोरोना बचाव के अहम उपाय शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ती रहीं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि स्वास्थ्य मंत्री मरीजों का दर्द दूर करने के बजाय एसी रूम में आइपीएल का मैच देख रहे हैं।
तेज प्रताप से पहले ही पहुंच गए थे उनके समर्थक
तेज प्रताप यादव के पीएमसीएच पहुंचने के पहले ही उनके आने की खबर फैल गई थी। दर्जन भर से अधिक समर्थक पीएमसीएच पहुंच कर मीडियाकर्मियों को इसकी सूचना दे रहे थे। इसके करीब आधे घंटे बाद चार गाड़ियों के काफिले के साथ तेज प्रताप पहुंचे। उनके साथ खाने के पैकेट लिए करीब 50 समर्थक थे।
बोले- लालू रसोई शुरू हो गई है, अब नहीं होगी दिक्कत
उनके पहुंचते ही लोगों ने घेर लिया। तेज प्रताप यादव ने लोगों ने कहा कि अब लालू की रसोई शुरू हो गई है और उन्हें खाने की समस्या नहीं होगी। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था पर सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि यहां दवाओं समेत कोई सुविधा नहीं है। हालांकि, खाना लेने के लिए इतनी भीड़ जुट गई थी कि पैकेट कम पड़ गए।