बिहार में आफत की बारिश: नदियां उफनाईं, टूट रहे तटबंध; पटना में 75 की बाढ़ जैसे हालात
बिहार में इन दिनों आफत की बारिश हो रही है। इससे जल-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। आगे दो दिनों तक हालात में सुधार के आसार नहीं हैं।
पटना [जेएनएन]। जाते-जाते मानसून ने बिहार के लोगों को आफत में डाल दिया है। नदियों में उफान के कारण जगह-जगह तटबंध दबाव से दरक रहे हैं। पटना की बात करें तो शुक्रवार देर रात से शुरू हुई मूसलधार बारिश से 1975 की बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अलर्ट के बाद बारिश से निपटने के प्रशासनिक इंतजाम नाकाफी साबित हुए हैं। पटना के कुछ मोहल्लों में छह फीट तक पानी बह रहा है।
इधर, पटना समेत राज्य के अधिसंख्य जिलों में अगले 48 घंटे तक भारी बारिश का नया अलर्ट जारी किया गया है। इससे स्थिति और गंभीर होने की आशंका है। भागलपुर, मुजफ्फरपुर, गया, पूर्णिया समेत तमाम जिला मुख्यालयों में जल भराव से लोग परेशान हैं।
मुख्यमंत्री ने की संयम बनाए रखने की अपील
बाढ़ की विभीषिका को देखते हुए रविवार की दोपहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाई लेवल मीटिंग कर स्थिति की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने कहा कि पीड़ितों को सभी आवश्यक चीजें मुहैया कराई जाएंगी। लोगों को परेशानी न हो इसके लिए अधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने लोगों से संयम व साहस बनाए रखने की अपील की। कहा कि हर संभव मदद की जाएगी।
झील सा हो गया है पटना
पिछले 48 घंटे में हुई बारिश ने राजधानी को झील में बदल दिया है। घर, दुकान, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे सब जलमग्न हो गए हैं। राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीवनगर, गर्दनीबाग, सरिस्ताबाद, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, संजय नगर, अशोक नगर, रामकृष्णानगर, संदलपुर, श्रीकृष्णापुरी आदि इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। राजेंद्रनगर में छह फीट जलजमाव है। यहां जिला प्रशासन की ओर से नावें चलाई जा रही हैं। चूड़ा-गुड़ बांटा जा रहा है।
पटना में फिलहाल स्कूल-कोचिंग बंद करने का निर्देश दिया गया है। पटना विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं हैं। पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (पीएमसीएच) व नालंदा मेडिकल कौलेज व अस्पताल (एनएमसीएच) में बारिश का पानी वार्ड तक में घुस गया है। पानी के कारण इन अस्पतालों में मरीज परेशान हैं। कई ऑपरेशन भी टालने पड़े हैं।
टूट रहे बांध, उफनाने लगीं नदियां
भारी बारिश से छपरा जिले के जलालपुर प्रखंड में सोंधी नदी के पानी के दबाव से लंगड़ी बांध टूट गया। वहीं गोपालगंज में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सिवान में सरयू में पानी काफी बढ़ गया है। बक्सर में गंगा उफान पर है।
कोसी-सीमांचल में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सुपौल में कई सरकारी कार्यालय भी जलजमाव की चपेट में हैं। मधेपुरा में कोसी का जलस्तर बढ़ा, चौसा व आलमनगर के करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। किशनगंज में बंगाल द्वारा महानंदा व डोक बराज से पानी छोड़े जाने से महानंदा नदी के जलस्तर में आंशिक वृद्धि हुई है। कटिहार में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से बाढ़ की स्थिति विकराल बनी हुई है।
अमवा खास तटबंध पर कैंप कर रहे अभियंता
उत्तर बिहार में मिट्टी धंसने से दरभंगा-समस्तीपुर रेलखंड पर चार घंटे तक परिचालन बाधित रहा। नदियों में उफान से मधुबनी के लदनियां और मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड क्षेत्र में फिर बाढ़ का पानी फैलने लगा है। पश्चिम चंपारण में गंडक समेत अन्य पहाड़ी नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। गंडक के कटाव से ठकराहां प्रखंड क्षेत्र स्थित अमवा खास तटबंध 100 मीटर के दायरे में क्षतिग्रस्त हो गया है। लक्ष्मीपुर के पास कटाव नियंत्रित कर लिया गया है। लेकिन, गंडक का रुख अब भी आक्रामक है। राज्य सरकार के आदेश पर बाढ़ एक्सपर्ट ई. अब्दुल हमीद अभियंताओं की टीम के साथ कैंप कर रहे हैं। भय से लोग रतजगा कर रहे हैं।
मधुबनी जिले में कमला और धौस नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। शहर को टापू में बदल दिया है। कमला बलान खतरे के निशान से ऊपर है। समस्तीपुर में कई सरकारी कार्यालयों में बारिश का पानी घुस गया है। सीतामढ़ी में बागमती और अधवारा समूह की नदियों का जलस्तर बढ़ा है। शिवहर में बागमती तटबंध के आसपास के लोग रतजगा कर रहे हैं। दरभंगा का विश्वविद्यालय परिसर झील में तब्दील हो गया है।
गया में परेशानी झेलते रहे पिंडदानी
पितृपक्ष की शुरुआत चटख धूप से हुई थी, लेकिन आखिरी के दो दिन में बारिश ने सब कुछ धो कर रख दिया। फल्गु में बाढ़ सरीखी स्थिति बन गई। पिंडदानियों को काफी परेशानी हुई। नवादा में डायवर्सन के बह जाने से गया से संपर्क बाधित हो गया। गया-धनबाद रेलखंड पर दिलवा स्टेशन के पास चट्टान गिरने से डाउन लाइन पर रेल परिचालन ठप है। सासाराम से होकर जाने वाली तीन जोड़ी ट्रेनें पहले ही रद की जा चुकी हैं।
सर्वाधिक बारिश वैशाली के जंदाहा और नवादा के रजौली में
भारतीय मौसम विज्ञान के अनुसार विगत 24 घंटे (शनिवार को दोपहर 12 बजे तक) के दौरान सबसे अधिक बारिश 200 मिलीमीटर वैशाली के जंदाहा और नवादा जिले के रजौली में हुई है।
तीन अक्टूूबर तक स्थिति होगी सामान्य
अगले 48 घंटे के भीतर मध्य बिहार, पूर्वी बिहार, उत्तर पूर्वी बिहार एवं दक्षिण पूर्वी बिहार में बारिश होती रहेगी। तीन अक्टूबर तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।