बिहार में 70 हजार की नौकरियों पर लटकी तलवार, निजी सुरक्षा एजेंसियों से जुड़ा है यह मामला
बिहार में निजी सुरक्षा एजेंसियों की गृह विभाग ने बेचैनी बढ़ा दी है। एक के बाद एक 16 एजेंसियों के खिलाफ गृह विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से 70 हजार नौकरियों पर तलवार लटक की गई है।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में निजी सुरक्षा एजेंसियों की गृह विभाग ने बेचैनी बढ़ा दी है। एक के बाद एक 16 एजेंसियों के खिलाफ गृह विभाग द्वारा की गई कार्रवाई से 70 हजार नौकरियों पर तलवार लटक की गई है। निजी सुरक्षा एजेंसियों के संगठन का दावा है कि पिछले छह महीने में एक भी लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं किया गया है। बड़ी संख्या में नए लाइसेंस के आवेदन भी पड़े हुए हैं।
इससे निजी सुरक्षा एजेंसी से जुड़े कारोबार के क्षेत्र में अस्थिरता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (कैप्सी) बिहार चैप्टर के अध्यक्ष डीपी सिंह का दावा है कि गृह के अधिकारी द्वारा बेवजह निजी सुरक्षा एजेंसियों को प्रताडि़त बनाया जा रहा है।
कोई ऐसा नियम नहीं है: डीपी
बकौल डीपी सिंह, निजी सुरक्षा एजेंसी के कार्यालय या प्रशिक्षण केंद्र के बारे में कोई भी ऐसा नियम नहीं है जिसके तहत कार्यालय का आकार एवं प्रशिक्षण केंद्र के आकार के बारे में सवाल खड़ा किया जाए। उन्होंने कहा इस तरह के किसी भी कानून के परिधि में निजी सुरक्षा एजेंसियां नहीं आती है।
लाइसेंस रिन्यूल को लेकर बना है गतिरोध
कैप्सी बिहार चैप्टर के महासचिव रवि शेखर सिंह का दावा है कि लाइसेंस का रिन्यूअल 30 दिनों के अंदर करने का प्रावधान है। लाइसेंस रिन्यूअल नहीं करने की स्थिति में 30 दिनों के अंदर आवेदक को कारण सहित सूचित करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन विगत 6 महीनों से लाइसेंस रिन्यूल को लेकर गतिरोध बना हुआ है।
उन्होंने बताया कि जिन एजेंसियों का लाइसेंस रद किया गया है वे सभी निजी सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत अपीलीय प्राधिकार के शरण में हैं। अपर मुख्य सचिव गृह के अदालत में दो अगस्त से सुनवाई शुरू होने वाली है।
करोड़ों रुपये कर की चपत
गृह विभाग के कार्रवाई से कारोबार भी प्रभावित होने लगा है। इससे सरकार के राजस्व पर असर पर रहा है। जीएसटी में करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
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