बिहार में फायरआर्म्स को ले बड़ा खुलासा- बंदूक की पूछ घटी, अब रिवॉल्वर-पिस्टल का बढ़ा क्रेज
बदलते जमाने के साथ बिहार में बंदूक का क्रेज कम हुआ है। अब रिवॉल्वर व पिस्टल की मांग बढ़ी है। आग्नेयास्त्रों को लेकर बदलते ट्रेंड पर आइए डालते हैं नजर।
पटना, जेएनएन। बिहार में कभी बंदूकों का अपना ही रुतबा हुआ करता था। वक्त बदला तो एक-नाली और दोनाली का रुआब भी कम हो गया। नए जमाने में छोटे हथियारों का क्रेज बढ़ रहा है। 30 जून को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूआइएन) जारी करने की अंतिम तारीख के बाद जब हथियारों का डाटा अपडेट किया गया, तब यह ट्रेंड सामने आया।
जिले में 11 हजार शस्त्रधारकों का यूआइएन जेनरेट किया गया है। जेनरेशन के बाद माना जा रहा है कि पटना में 13 हजार वैध हथियार होंगे। इन हथियारों में तीन हजार से अधिक रिवॉल्वर और पिस्टल हैं। चार हजार बंदूकें हैं। पहले बंदूकों की संख्या और अधिक हुआ करती थी। अब एक नाली और दो नाली बंदूकें सरेंडर की जाने लगी हैं। सभी लाइसेंसधारकों के लिए यूआइएन अनिवार्य
यूआइएन जेनरेशन से पहले प्रशासन को नहीं पता था कि कितने लोगों ने लाइसेंस लिया है और पटना में कितने शस्त्र हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार अब सभी लाइसेंसधारकों के लिए यूआइएन नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। 30 जून तक का अल्टीमेटम लाइसेंसधारियों को दिया गया था। इस अवधि तक यूआइएन जेनरेट नहीं कराने वाले लाइसेंस अवैध हो गए हैं। एक यूआइएन पर अधिकतम दो लाइसेंस रखने का प्रावधान भी है। कई ऐसे लाइसेंसधारी हैं, जिनके पास एक से अधिक हथियार हैं। दो से अधिक हथियार रखने वाले को 12 दिसंबर 2020 तक का समय दिया गया है। बाकी हथियार को ठिकाने लगा देना होगा। दो से अधिक हथियार हैं तो निकटवर्ती थाने में जमा करना होगा या शस्त्र डीलर के यहां बेचना पड़ेगा।