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राजधानी के गली-मोहल्लों में बिक रही प्रतिबंधित शराब, दस हजार की डील पर टूट रहा कानून

बिहार की राजधानी पटना में पुलिस प्रशासन शराब पर लगी पूर्ण पाबंदी को अमलीजामा पहना पाने में विफल साबित हो रहा है। इसी का नतीजा है कि पटना सिटी के गली-मोहल्लों में प्रतिबंधित शराब की बिक्री जारी है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 04:32 PM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 06:26 PM (IST)
राजधानी के गली-मोहल्लों में बिक रही प्रतिबंधित शराब, दस हजार की डील पर टूट रहा कानून
पटना सिटी के गली-मोहल्लों में प्रतिबंधित शराब की बिक्री जारी है।

पटना सिटी। शराब पर पूर्ण पाबंदी लगाकर बिहार सरकार ने समाज और घर में खुशियां लौटाने का अनुकरणीय काम किया। देश भर में बिहार की चर्चा हो रही है। वहीं पुलिस-प्रशासन शराब पर लगी पूर्ण पाबंदी को अमलीजामा पहना पाने में विफल साबित हो रहा है। इसी का नतीजा है कि पटना सिटी के गली-मोहल्लों में प्रतिबंधित शराब की बिक्री जारी है। अनुमंडल की पुलिस सिर्फ लाठी पटककर क्षेत्र में पूर्ण शराबबंदी होने का केवल ढिंढोरा पीट रही है। लोगों के बीच विरोध के स्वर उठने लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि थानों से दस हजार की डील पर शराब की बिक्री की जा रही है।

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बालू के टापूओं के बीच सुलग रही अवैध शराब भट्ठियां

घाट किनारे रहने वालों की मानें तो गंगा पार बालू के टापूओं के बीच दर्जनों अवैध शराब की भट्ठियां सुलग रही हैं। अवैध भठ्ठियों में निर्मित शराब की खेप वैशाली तथा पटना सिटी के गंगा तट से होकर नाव से पहुंचाई जा रही है। पटना पुलिस की विशेष टीम ने वर्ष में दो-तीन बार गंगा पार दियारा में अवैध रूप से स्थापित शराब भट्ठियों को ध्वस्त कर खानापूर्ति भी करती है। छापेमारी में कभी भी धंधेबाज नहीं पकड़े जाते हैं। छापेमारी दल बताते हैं कि पुलिस के आने की भनक से अवैध शराब कारोबारी फरार हो जाते हैं। अभियान में श्वान दस्ता की टीम भी मौजूद रहती है। वहीं निर्मित शराब की खेप गंगा किनारे बसे मोहल्लों में घड़ल्ले से पहुंचाए जा रहे हैं।

ट्रकों से भी मंगाया जा रहा शराब

सूत्रों की मानें तो हरियाणा, राजस्थान, कोलकात्ता, झारखंड राज्य से ट्रकों पर अवैध रूप से अंग्रेजी शराब मंगाने का धंधा जारी है। शराब बंदी के बाद अगमकुआं, चौक, बाईपास थाना द्वारा आधा दर्जन से अधिक बार शराब लदी ट्रक जब्त किया जा चुका है। अवैध शराब को खरीद दाम से ढाई गुणा कीमत पर बेचा जाता है। बेचने के लिए नाबालिगों को रखा जाता है। उन्हें प्रतिदिन 500 से 700 रुपये दिए जाते हैं।

पुलिस तथा उत्पाद विभाग की होती है सेटिंग

शराब कारोबारी सूत्रों की मानें तो जिस थाना क्षेत्र में शराब बेचना हो वहां के थाने को प्रतिदिन दस हजार रुपये देना होगा। प्रत्येक थाने में दो से तीन थोक कारोबारी धड़ल्ले से अवैध शराब का धंधा कर रहे हैं। उत्पाद विभाग द्वारा प्रतिमाह शराब कारोबारियों से एक सम्मानित राशि वसूली जाती है। समय पर भुगतान नहीं करने वालों पर छापेमारी भी की जाती है। बिना सेटिंग वाले अवैध शराब कारोबारी पकड़े जाते हैं। अवैध शराब कारोबारियों द्वारा सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा है।


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