बिहार के आठ शहरों में नए सिरे से नहीं हो पाएगी बालू घाटों की बंदाेबस्ती, ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लगाई रोक
खान एवं भू-तत्व विभाग ने एक अक्टूबर को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुरूप पटना के साथ भोजपुर सारण रोहतास औरंगाबाद गया जमुई और लखीसराय जिलों में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की थी। अब यहां बंदोबस्ती नहीं हो पाएगी।
राज्य ब्यूरो, पटना : कैबिनेट की मंजूरी के बाद भी राज्य के आठ जिलों में नए सिरे से बालू घाटों की बंदाेबस्ती नहीं हो पाएगी। सरकार के फैसले पर ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी है। खान एवं भू-तत्व विभाग ने एक अक्टूबर को मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के अनुरूप पटना के साथ भोजपुर, सारण, रोहतास, औरंगाबाद, गया, जमुई और लखीसराय जिलों में बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। उम्मीद थी कि 28 अक्टूबर तक नीलामी की प्रक्रिया पूरी करते हुए वैसे ठेकेदार जिनके पास पूर्व से पर्यावरण अनापत्ति प्रमाणपत्र है उन्हें घाटों का बंदोबस्त दे दिया जाएगा, लेकिन अब ऐसा संभव होता नहीं दिखता।
खान एवं भू-तत्व विभाग के सूत्रों के अनुसार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की इस्टर्न जोन बेंच ने कोर्ट में दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए जहां पर्यावरण स्वीकृति प्रमाणपत्र के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है, वहीं प्रदेश की सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगले चार सप्ताह के अंदर विभाग के साथ पक्षकारों की काउंटर एफेडेविट फाइल करें। सूत्रों के अनुसार इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश बी अमित और साइबाल देश गुप्ता की कोर्ट में हुई। विभाग के मंत्री जनक राम मुद्दे पर कहते हैं कि हम जल्द से जल्द आठ जिलों में नए से से घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरा करने के पक्ष में हैं, लेकिन एनजीटी के फैसले की प्रति प्राप्त होने के बाद ही अब आगे क्या होगा कैसे होगा इस पर विचार किया जाएगा। बालू घाटों की नए सिरे से नीलामी पर रोक पर जब विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर बम्हारा और निदेशक गाेपाल मीणा को फोन किया गया तो इनके मोबाइल पहुंच से बाहर बताए गए। इधर दूसरी ओर अन्य आठ जिले नवादा, अरवल, बांका, पश्चिम चंपारण, मधेपुरा, किशनगंज, वैशाली और बक्सर में 50 फीसद अतिरिक्त शुल्क देकर पूर्व के बंदोबस्तधारी घाटों से बालू खनन कर सकेंगे। इस प्रक्रिया में कोई पेंच नहीं हैं।