भ्रुण के इलाज पर होगा रिसर्च, ताकि कोई भी बच्चा अस्वस्थ पैदा न हो सके
गर्भ में पल रहे शिशुओं को का हेल्थ सही हो और वह गर्भ के बाहर आने पर स्वस्थ रहे इसके लिए पीएमसीएच में एक शोध किया जाएगा।
पटना [जेएनएन]। गर्भ में पल रहे शिशुओं को बाहर आने के बाद किसी प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्या पैदा न हो इसके लिए पीएमसीएच जल्द एक शोध के तहत इलाज शुरू करेगा। ताकि गर्भ में पल रहे बच्चों को यदि किसी प्रकार की बीमारी है तो उसका समाधान किया जा सके।
सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में जल्द ही भु्रण के इलाज को लेकर रिसर्च शुरू किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही अस्पताल के महिला रोग विभाग के चिकित्सकों की बैठक बुलाई जाएगी। उसके बाद रिसर्च के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा।
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार वर्मा का कहना है कि अस्पताल को रिसर्च के मामले में विश्व स्तर पर पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्भ में पल रहे शिशुओं में कई तरह की समस्या पैदा हो रही हैं। ऐसी बीमारियों पर नियंत्रण के लिए पीएमसीएच में जल्द ही रिसर्च शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गर्भ में पल रहे बच्चे का इलाज कर दिया जाए तो वे पूर्ण रूप से स्वस्थ पैदा होंगे। जब बच्चे स्वस्थ होंगे तभी स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ समाज से ही मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।
जल्द होगी रिसर्च काउंसिल की बैठक
प्राचार्य ने कहा कि जल्द ही अस्पताल में रिसर्च काउंसिल की बैठक होगी। बैठक में कॉलेज में रिसर्च प्रोजेक्ट पर विचार किया जाएगा। रिसर्च काउंसिल की बैठक में ही प्रोजेक्ट पर अंतिम रूप से मुहर लगाया जाएगा।