समान काम समान वेतन: अन्य राज्यों में लागू वेतनमान का अध्ययन कर बनेगी रिपोर्ट
बिहार के नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन मामले में सरकार अन्य राज्यों में लागू वेतनमान का अध्ययन कर रिपोर्ट बनायेगी। कोर्ट ने इसके लिए एक महीने का समय दिया है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश के साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान सुविधा के लाभ पर कोई फैसला लेने के पूर्व दूसरे राज्यों में नियोजित शिक्षकों को दी जाने वाली सुविधाओं का अध्ययन होगा। इसके बाद ही अंतिम रूप से कोई फैसला लिया जा सकेगा।
शिक्षा सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार सभी राज्यों से नियोजित शिक्षकों को दिए जाने वाले वेतन व अन्य सुविधाओं पर रिपोर्ट लेगी। इसके आधार पर नियोजित शिक्षकों को और क्या सुविधाएं या वेतन दिया जा सकता है इस बारे में अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर कोर्ट को देगी।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में मंगलवार को समान सुविधा के मसले पर हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के अटार्नी जनरल ने कहा कि यदि समान सुविधा सिर्फ बिहार के शिक्षकों को देने का आदेश है तो केंद्र सरकार बिहार को मदद करने को तैयार है। लेकिन, समस्या यह है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को समान सुविधा देने पर अन्य राज्यों से भी ऐसी मांग उठेगी, जिसे पूरा किया जाना संभव नहीं हो सकेगा। उन्होंने कोर्ट में कहा कि नियोजित शिक्षकों के वेतन के लिए नई योजना बनाई जा सकती है, लेकिन उन्हें इसके लिए महीने भर का समय दिया जाए।
कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रखने वाले अधिकारी बताते हैं कि बिहार सरकार ने कोर्ट को राज्य की माली हालत के बारे में बताया। कोर्ट को बताया गया है कि सर्वशिक्षा अभियान से नियोजित शिक्षकों के वेतन का साठ फीसद पैसा केंद्र देता है जबकि चालीस फीसद राज्य सरकार।
यदि केंद्र, राज्य सरकार को मदद का आश्वासन दे तो नियोजित शिक्षकों के लिए समान सुविधा पर विचार हो सकता है। सूत्र बताते हैं कि बहरहाल मामला थोड़ा पेचीदा हो गया है। अब केंद्र सरकार को इस मसले पर अंतिम रूप से कोई निर्णय लेना है। केंद्र सरकार के निर्णय के आलोक में ही राज्य सरकार अगला कदम उठाएगी।