मोबाइल में रामायण की धुन और नजर गहनों पर, ...यूपी के चोरों के 'खेल' से पटना पुलिस पूरी तरह कंफ्यूज
पटना पुलिस की नींद में खलल डालने वाले राजधानी पटना के शातिर चोर नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के माणिकपुर क्षेत्र के अपराधी हैं। ये तब पता चला जब चित्रकूट के एक चोर को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
चन्द्रशेखर, पटना। पटना पुलिस की नींद में खलल डालने वाले राजधानी पटना के शातिर चोर नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के माणिकपुर क्षेत्र के अपराधी हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ जब शास्त्रीनगर पुलिस ने राजधानी के एक बड़े चोरी के मामले में चित्रकूट के माणिकपुर के शिवनगर निवासी मो.बशीर को गिरफ्तार किया। घुमंतू चोर कभी भी किसी भी शहर में जा सकते हैं। वहां जाकर दिन में इधर-उधर घूमते हुए रेकी करते हैं और रात में सेंधमारी कर घर से कीमती सामान गायब कर देते हैं। एक शहर में एक सप्ताह से अधिक नहीं ठहरते हैं। वैसे ही शहरों में जाते हैं जो रेल रूट पर हैं। उस शहर में जाने के बाद वहां के स्टेशन के आसपास के होटलों में ही ठहरते हैं। जहां भी जाते हैं, अपने अय्याशी का सारा सामान साथ लेकर जाते हैं। साथ ही मोबाइल पर धार्मिक गाने बजाते हैं, ताकि किसी को शक न हो।
साथ लेकर चलते हैं अय्याशी का सामान
शराब के साथ शबाब भी अपने साथ ही लेकर चलते हैं। होटल प्रबंधन को उनपर शक न हो इसके लिए वे सुबह में अपने मोबाइल पर रामायण की धुन लगाकर अपने को रामभक्त का दिखावा भी करते हैं। खाने भी शाकाहारी ही करते हैं, जिससे किसी को शक करने का मौका नहीं मिलता है। शहर के जिस क्षेत्र में भी चोरी करते हैं वहां से केवल कीमती जेवरात अथवा नकदी लेकर अलग-अलग रास्ते से होटल में आकर रुक जाते हैं। चोरी का माल भी अपने साथ होटल में न रखकर स्टेशन के अमानत घर में अपने सूटकेस में ही रखते हैं।
पूछताछ में मिली चौंकाने वाली जानकारी
शास्त्रीनगर पुलिस द्वारा राजधानी के एक बड़े चोरी के मामले में चित्रकूट के माणिकपुर के शिवनगर निवासी मो.बशीर को गिरफ्तार किया था। जब उससे पूछताछ शुरू की गई तो कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। गिरफ्तार बशीर ने बताया कि माणिकपुर क्षेत्र के दो-तीन गांव में सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े शातिर चोर रहते हैं। वहां नए उम्र के बच्चों को बकायदा चोरी का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण के बाद प्रायोगिक तौर पर उन्हें लाइव डेमो दिया जाता है। वे लोग पूरे देश में कहीं भी कभी भी चले जाते हैं। पांच-पांच की टीम में ही चोरी करने किसी भी शहर में जाते हैं। जब एक टीम जिस शहर में रहता है तो दूसरी टीम वहां नहीं जाता। उस शहर की ओर दोबारा कोई भी दूसरी टीम महीना-दो महीना बाद ही जाता है। माणिकपुर क्षेत्र के चोर न केवल पटना में आते हैं बल्कि दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता समेत किसी भी शहर में जाकर चोरी कर वापस घर लौट जाते हैं। चोरी का माल वे लोग प्रयागराज के शाहगंज के सोनार अरविंद कुमार के पास ही बेचते हैं। अलग-अलग टीम अलग-अलग सोनार के हाथों चोरी का सामान बेचते हैं।
चित्रकूट के चोरों की संलिप्तता सामने आई
पटना के शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष बिमलेंदू प्रसाद ने कहा कि राजधानी के कुछ बड़ी चोरियों में चित्रकूट के चोरों की संलिप्तता सामने आई है। शास्त्रीनगर क्षेत्र में हुई एक करोड़ की चोरी के साथ ही दीघा व राजीव नगर क्षेत्र के कई मकानों में इनके गिरोहों ने ही घटनाओं को अंजाम दिया है। इसी क्रम में चित्रकूट के माणिकपुर के शिवनगर निवासी मो.बशीर को गिरफ्तार कर लिया गया है। अभी भी उसके चार अन्य साथी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।