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बिहार से कोरोना को लेकर राहत भरी खबर: संक्रमित परिवारों के बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं, अलग से परीक्षाएं

बिहार से कोरोना संक्रमित परिवारों के लिए यह राहत भरी खबर है। परिवार में संक्रमण के कारण अगर बच्चों की कक्षाएं-परीक्षाएं छूट गईं हैं तो स्‍कूलों को अलग से इंतजाम करना पड़ेगा।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 09:31 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 02:16 PM (IST)
बिहार से कोरोना को लेकर राहत भरी खबर: संक्रमित परिवारों के बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं, अलग से परीक्षाएं
बिहार से कोरोना को लेकर राहत भरी खबर: संक्रमित परिवारों के बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं, अलग से परीक्षाएं

पटना, जेएनएन। बिहार से कोरोना को लेकर यह राहत भरी खबर है। स्‍कूलों को संक्रमित परिवारों के बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं और अलग से परीक्षाओं की व्यवस्था करनी होगी। पटना के कमिश्‍नर संजय कुमार अग्रवाल ने स्कूल प्रबंधन को इसका आदेश जारी किया है। कमिश्‍नर के निर्देश में यह भी कहा गया है कि कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास कर रहे स्कूली छात्र अगर नेटवर्क की समस्या की वजह से ऑनलाइन परीक्षा से वंचित रह गए हों, तो उन्हें भी फिर से मौका दिया जाए।

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कक्षा-परीक्षा से वंचित बच्‍चों के लिए करें अलग व्‍यवस्‍था

कमिश्‍नर संजय कुमार अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा है कि कोरोना संक्रमण के दौर में अगर कोई बच्‍चा परिवार में संक्रमण की वजह से ऑनलाइन कक्षाएं नहीं कर सका या परीक्षाएं नहीं दे सका है तो उसके लिए अलग से व्‍यवस्‍था करनी होगी। साथ ही खराब इंटरनेट नेटवर्क की वजह से भी किसी बच्चे की पढ़ाई या परीक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए। कई अभिभावकों की शिकायत मिली है कि नेटवर्क या अन्य तकनीकी कारणों से बच्‍चे परीक्षाएं समय पर नहीं दे पाए।

बच्चों एवं अभिभावकों से फीडबैक लेने की दी सलाह

कमिश्‍नर ने कोरोना काल में स्‍कूलों द्वारा किए जा रहे प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं भी ऑनलाइन क्लासेज के नए दौर से गुजर रहे हैं। उन्हें मोटिवेट कर के पढ़ाई एवं कोरोना की चिंता से मुक्त भी करवाना है। आयुक्त ने बच्चों एवं अभिभावकों के फीडबैक लेने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि इससे बच्चों में आत्मविश्वास पैदा होगा। छात्र-छात्राओं को कोई समस्या आती है, तो उसका निराकरण भी स्‍कूल करें। बच्चों को ऑनलाइन क्लास में पढ़ाए जा रहे पाठ समझ में ना आए, तो वाट्सऐप या ईमेल के माध्यम से प्रश्न भेजने की व्यवस्था भी रहनी चाहिए। एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, जैसे पेंटिग, क्विज, डिबेट, मोटिवेशनल क्लासेस की भी व्यवस्था होनी चाहिए। सभी प्राचार्यों को ऑनलाइन टीचिंग का पर्यवेक्षण भी करना चाहिए।


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