कोरोना संक्रमितों के लिए राहत भरी खबर, पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी का बेहतर रहा है परिणाम
नेशनल कंट्रोल कमेटी की ओर से प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना संक्रमितों के उपचार के प्रोटोकॉल से हटा दिया गया है। लेकिन पटना एम्स में प्लाज्मा थेरेपी काफी कारगर रही है। पहली लहर की अपेक्षा दूसरी में इसकी सफलता दर अधिक रही।
पटना, जागरण संवाददाता। नेशनल कंट्रोल कमेटी (National Control Committee) की ओर से कोरोना संक्रमण के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से अब प्लाज्मा थेरेपी (Plasma Therapy) हटा दी गई है। हालांकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences, Patna) के अनुसार प्लाज्मा थेरेपी का एम्स पटना में बेहतर परिणाम रहा है।
पटना एम्स में आठ सौ से अधिक की हुई प्लाज्मा थेरेपी
एम्स पटना की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नेहा सिंह ने बताया कि अब तक लगभग 800 से अधिक लोगों की प्लाज्मा थेरेपी की जा चुकी है। इसमें पहले चरण में साढ़े सात सौ के आसपास मरीजों का उपचार किया गया। ये सभी गंभीर मरीज थे। प्लाज्मा थेरेपी के कारण 70 फीसद मरीजों को बचाया जा सका। 150 ऐसे मरीज थे, जिन्हें एक यूनिट प्लाज्मा से बेहतर किया गया, जबकि करीब साढ़े पांच सौ ऐसे लोग थे, जिन्हे दो-दो यूनिट प्लाज्मा दिया गया। एम्स में लगभग 750 लोगों ने प्लाज्मा दान किया। एक व्यक्ति से दो यूनिट प्लाज्मा लिया गया।
दूसरे स्ट्रेन में बेहतर रहा है परिणाम
डॉ. नेहा बताती हैं, दूसरे स्ट्रेन में प्लाज्मा थेरेपी का बेहतर परिणाम दिखा है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की गाइडलाइन के अनुसार दूसरे स्ट्रेन में 53 लोगों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई। इन सभी में आवश्यक नई गाइडलाइन का पालन किया गया। इसका नतीजा यह रहा कि इसमें महज सात मरीजों की ही मृत्यु हुई है, जबकि अन्य सभी मरीज गंभीर स्थिति के बाद सुरक्षित घर लौट गए। पहले चरण में 30 फीसद मृत्युदर थी, लेकिन, दूसरे चरण में स्थिति में सुधार दिखा। नई गाइडलाइन काफी बेहतर साबित हुई है।
- प्लाज्मा थेरेपी का एम्स में रहा है बेहतर परिणाम
- पहली लहर में 700 लोगों को दी गई थी प्लाज्मा थेरेपी, 30 फीसद की हुई थी मौत
- दूसरी लहर में अब तक 53 लोगों को दी गई थेरेपी, सात लोगों की ही हुई है मौत
आइजीआइएमएस बनेगा देश का 11वां मालिक्यूलर जेनेटिक लैब
पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में स्थापित मालिक्यूलर जेनेटिक लैब (Moleculer Genetic Lab) देश का 11वां मालिक्यूलर जेनेटिक लैब बनेगा। राज्य सरकार ने प्रस्ताव केंद्र को भेजा है। यह जानकारी स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने दी। उन्होंने बताया कि इंडियन सार्स का जेनेटिक सर्विलांस हो, इसके लिए आइजीआइएमएस में मालिक्यूलर लैब की स्थापना की गई थी। देश में ऐसे 10 लैब हैं। राज्य सरकार ने इस लैब को 11वें लैब के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र को दिया है। उम्मीद है जल्द ही इस संबंध में केंद्र का फैसला होगा। उसके बाद आइजीआइएमएस का मालिक्यूलर जेनेटिक लैब देश का 11वां लैब हो जाएगा।