बिहार म्यूजियम में बैठकर पढि़ए कला-संस्कृति का इतिहास
बिहार म्यूजियम में दर्शकों के लिए स्टडी रूम की सुविधा शुरू की गई है।
पटना। बिहार म्यूजियम में दर्शकों के लिए स्टडी रूम की सुविधा शुरू की गई है। म्यूजियम के निदेशक दीपक आनंद बताते हैं कि इस सुविधा को शुरू करने का मकसद आम लोगों को म्यूजियम से जोड़ना है। दो हजार किताबों का है संग्रह :
म्यूजियम के स्टडी रूम में आम लोगों के लिए बिहार की संस्कृति, कला सभ्यता और पटना कलम से जुड़ी किताबें हैं। यहां फिलहाल करीब दो हजार किताबें उपलब्ध करायी गयी हैं। यहां किताबों के माध्यम से बिहार के बारे में काफी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। स्टडी रूम के निर्धारित कक्ष में एक समय में 60 से 70 लोगों के बैठने की सुविधा दी जाएगी। बिहार की समकालीन कला की मिलेगी जानकारी :
स्टडी रूम में बिहार की कलाओं जैसे मंजूषा कला, समकालीन कला, राजा सलहेस, गुरु गोविंद सिंह और सिख टूरिज्म इन बिहार, पटना कलम, रामचरित्र मानस जैसे विषयों से जुड़ी कई सारी किताबें का भी संग्रह किया गया है। इससे लोगों को काफी कुछ जानने-सीखने को मिलेगा। मंगलवार तक खुल जाएगी एक नई गैलरी :
बिहार म्यूजियम में इतिहास गैलरी सी की शुरुआत मंगलवार से आम लोगों के लिए कर दी जाएगी। इस गैलरी में लोगों के बीच मुगल काल से लेकर मध्यकालीन इतिहास के बारे में सारी जानकारियां होंगी। साथ ही यहां डिस्प्ले के भी कई ऐसे सामान लगाए जाएंगे, जिससे लोगों को इतिहास के बारे में आसानी से जानकारी मिल सकेगी।
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हमारी कोशिश है कि हम बिहार म्यूजियम से जितना हो सके, आम लोगों को जोड़ कर रख सकें। इसलिए हमने स्टडी रूम की शुरुआत की है और जल्द ही लाइब्रेरी पर भी काम शुरू किया जाएगा। आने वाले समय में हम रिसर्च कर रहे लोगों के लिए पास जैसी सुविधा की भी शुरुआत करेंगे। जिससे उन्हें म्यूजियम आने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।
- दीपक आनंद, निदेशक, बिहार म्यूजियम