Bihar: इस्तीफा देते ही आरसीपी सिंह ने नीतीश को लेकर कही इमोशनल बात, ललन सिंह ने ये कहा
खास मौके पर आरसीपी और ललन दोनों ने ही कई खास बातें कही हैं। आरसीपी ने कहा कि जदयू केवल एक पार्टी नहीं बल्कि जीवन का पर्याय है। उन्होंने कई इमोशनल बातें कीं और कहा कि भले उनका पद बदल गया हो लेकिन उनका काम पहले ही तरह जारी रहेगा।
पटना, जागरण टीम। Bihar Politics: बिहार की प्रमुख राजनीतिक पार्टी जनता दल यूनाइटेड का अध्यक्ष साल भर से भी कम समय में बदल गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद यह जिम्मेदारी आरसीपी सिंह को सौंपी गई थी। उनके केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद पार्टी ने ललन सिंह के रूप में नया अध्यक्ष चुन लिया है। इस खास मौके पर आरसीपी और ललन दोनों ने ही कई खास बातें कही हैं। आरसीपी ने कहा कि जदयू अब उनके लिए केवल एक पार्टी नहीं बल्कि जीवन का पर्याय है। उन्होंने कई इमोशनल बातें कीं और कहा कि भले उनका पद बदल गया हो, लेकिन उनका काम पहले ही तरह जारी रहेगा।
आरसीपी ने फेसबुक पोस्ट लिख कर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि बदलाव प्रकृति का नियम है और इसे कोई रोक नहीं सकता। मैंने अपनी जिम्मेदारी खूबसूरती और पूरी शिद्दत से निभाई। पार्टी को अपना सौ प्रतिशत दिया। अपनी पूरी ऊर्जा और चेतना संगठन को मजबूत करने और आगे बढ़ाने में लगाई। अपने नेता (नीतीश कुमार) का नाम हमेशा ऊंचा रखने और उनके काम को आम आदमी तक पहुंचाने की कोशिश करते रहे। इस उपलब्धि में सभी का सहयोग रहा। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष उनका कार्यकाल बेहद संक्षिप्त रहा।
पार्टी ने जो जिम्मेवारी दी है उससे मायूस नहीं करूंगा : ललन
जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत होने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अपने संक्षिप्त संबोधन के क्रम में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेवारी दी है, उससे वह मायूस नहीं करेंगे। सब के सहयोग से पार्टी को आगे बढ़ाएंगे। ललन सिंह ने कहा कि देश भर में समता पार्टी के जमाने के लोग बड़ी संख्या में हैं। बहुत लोग सक्रिय नहीं हैं। पार्टी के उन पुराने लोगों को फिर से पार्टी में जोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भेदभाव की बात नहीं होगी। सभी सम्मानित लोग हैं।
ललन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में हुए विकास पर भी चर्चा की। इस क्रम में सामाजिक क्षेत्र में बिहार में जो बदलाव हुए हैं उस पर उनका फोकस रहा। महिलाओं के लिए बिहार में जो आरक्षण की व्यवस्था हुई उसके बदलाव का बड़ा असर हुआ है। महिलाएं सशक्त हुई हैं।