रविशंकर ने नीतीश को सराहा, कहा- इंटरनेट स्ट्रीमिंग को सेंसरशिप के दायरे में लाने की बात का अभिनंदन
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इंटरनेट स्ट्रीमिंग के माध्यम से परोसी जा रही सामग्री को सेंसरशिप की परिधि में लाए जाने की बात का वह अभिनंदन करते हैैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय कानून एवं न्याय, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा इंटरनेट स्ट्रीमिंग के माध्यम से परोसी जा रही सामग्री को सेंसरशिप की परिधि में लाए जाने की बात का वह अभिनंदन करते हैैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में पत्र लिखा है। संकट यह है कि इस तरह के मामले के बीच में अभिव्यक्ति की आजादी की बात करने वाले महान लोग सामने आ जाते हैैं। पोर्नोग्राफी को देखना भी ऐसे लोग अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़ देते हैैं। दैनिक जागरण के संपादक मंडल के साथ वेबिनार में बिहार के स्थानीय संपादक आलोक मिश्रा द्वारा इस बाबत पूछे गए प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री ने यह बात कही।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दो दिन पहले प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र का संदर्भ लेते हुए रविशंकर प्रसाद से प्रश्न किया गया था। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को इस मसले पर महत्वपूर्ण चिट्ठी लिखी है। इसके पूर्व भी उन्होंने अश्लीलता परोसने वाले साइट को बंद किए जाने के मुद्दे पर चिट्ठी लिखी थी। मैैं खुद भी इस तरह के मामले में गंभीर हूं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी की बात करने वाले लोग यह कहकर मैदान में कूद पड़ते हैैं कि जब घर में बैठकर लोग इंटरनेट के माध्यम से कोई सामग्री देख रहे हैैं तो उस पर क्या आपत्ति है?
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से बिहार की औद्योगिक प्रोत्साहन नीति में संशोधन को केंद्र में रख यह प्रश्न किया गया था कि क्या वह बिहार में इसका ध्यान में रख नयी औद्योगिक इकाई खासकर मोबाइल कंपनियों की उत्पादन इकाई की स्थापना को लेकर सोचते हैैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वह राज्य सरकार को हर संभव मदद करेंगे। इतना ही नहीं, केंद्रीय मंत्री बिहार की राजनीति पर भी बात की। खासकर मांझी प्रसंग पर बोले, यह अपनी आजादी है कि कोई कहीं जा सकता है।