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यात्रीगण कृपया ध्यान दें! बिहार की इन ट्रेनों में सोइए मत, चूहे कुतर डालेंगे बैग

बिहार से होकर जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में चूहों व काकरोचों का आतंक है। इससे यात्री परेशान हैं। हालांकि, इसे लेकर रेल प्रशासन के अपने तर्क हैं। पूरा मामला जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 25 Dec 2018 10:26 PM (IST)Updated: Wed, 26 Dec 2018 08:36 PM (IST)
यात्रीगण कृपया ध्यान दें! बिहार की इन ट्रेनों में सोइए मत, चूहे कुतर डालेंगे बैग
यात्रीगण कृपया ध्यान दें! बिहार की इन ट्रेनों में सोइए मत, चूहे कुतर डालेंगे बैग

पटना [चंद्रशेखर]। यह भारतीय रेल है। इसकी ट्रेनों में यात्रा करनी है तो चूहों से अपनी रक्षा खुद करें। ट्रेन में सोए तो ये चूहे बैग कुतर सकते हैं। यह हम नहीं कह रहे, यात्रियों की आपबीती है। रेल प्रशासन चूहों पर नियंत्रण्‍ा के दावे तो करता है, लेकिन फिलहाल 'हिट' स्प्रे छिड़कने के अलावा कुछ नहीं करता।

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दरअसल, राजधानी के राजेन्द्र नगर टर्मिनल से खुलने वाली लंबी दूरी की अधिकतर ट्रेनों में इन दिनों चूहों का उत्पात ज्यादा बढ़ गया है। इससे राजधानी एक्‍सप्रेस समेत प्रीमियम ट्रेनें भी महफूज नहीं हैं। ट्रेनों के एसी थ्री कोच में ही नहीं, एसी टू में भी चूहों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। सहमे यात्री सामान बर्थ पर ही रखने लगे हैं। ट्रेन में टिकट निरीक्षकों, कोच अटेंडेंट एवं अन्य कर्मचारियों से शिकायत करते हैं, परंतु समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

आंख लगी और बैग में हो गया छेद

पटना जंक्शन पर परिवार के साथ दिल्ली जाने के लिए राजधानी एक्सप्रेस में सवार कुमार सौरभ (काल्पनिक नाम) की आंख गाजियाबाद में खुली तो बर्थ के नीचे रखे सामान को निकालना शुरू किया। ये क्या? बैग में बड़ा छेद था, जिससे कपड़े बाहर निकले थे। साथ ही झोले में रखे खाने के सामान गायब थे। प्लास्टिक के डिब्बे में रिश्तेदारों के लिए पटना से रसगुल्ले ले गए थे जो इस कदर कुतरे गए थे कि बाहर पड़े थे। उन्होंने इसका जिक्र शुरू किया तो पता चला कि कई और यात्री भी चूहों के शिकार हो चुके हैं।

शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई

पटना राजधानी एक्सप्रेस से नई दिल्ली जा रहे एक यात्री अमित ने बताया कि 19 दिसंबर को उसने एसी टू से दिल्ली के लिए यात्रा शुरू की। ट्रेन के रवाना होते ही चूहों का खेल शुरू हो गया। खाना खाने के बाद बैग से दवा निकालने लगे तो उसमें से चूहे निकलकर भागे। बैग को कुतर दिया। ट्रेन में चल रहे टिकट निरीक्षक व कोच अटेंडेंट के साथ रेलवे के नंबर पर एसएमएस के माध्‍यम से भी शिकायत की। सफाई करने वाले को हिट छिड़कने को कहा। थोड़ी देर तक शांति रही, फिर चूहों की धमाचौकड़ी शुरू हो गई। चूहे घूमते ही रहे।

ट्रेन में तिलचट्टों का भी आतंक

20 दिसंबर को संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस के ए-1 कोच से पटना जंक्शन से दिल्ली जा रहे यात्री आशुतोष कुमार ने बताया कि ट्रेन के खुलते ही उसने लेदर का महंगा जैकेट ट्राली बैग में खोलकर डाल दिया। सुबह में दिल्ली पहुंचने पर जैकेट निकाली तो चूहों ने उसे कुतरकर साफ कर दिया दिया था। टिकट निरीक्षकों से शिकायत करने पर उन लोगों ने केवल अफसोस जताया। ट्रेन में तिलचट्टों का भी आतंक है।

बैग से एक-एक कर निकले चूहे व तिलचट्टे

23 दिसंबर को हावड़ा से पटना आई महिला यात्री इन्दु कुमारी ने बताया कि वह रात में एक्सप्रेस ट्रेन की स्लीपर बोगी में सवार हुई थी। सामान रखकर बर्थ पर सो गई। सुबह जब ट्रेन राजेन्द्र नगर टर्मिनल पहुंची और बैग लेकर बाहर निकलने लगी तो इससे चूहे निकलने लगे। बैग को बुरी तरह से चूहों ने कुतर दिया था। बैग खोलने पर तिलचट्टे निकलकर भागने लगे। यही हालत पटना हटिया एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस एवं श्रमजीवी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों की भी है।

रेलवे की सफाई: समस्‍या के लिए यात्री जिम्‍मेदार

अब यात्रियों की शिकायत पर रेलवे की सफाई पर भी गौर करें। दानापुर रेल मंडल के जन संपर्क अधिकारी संजय कुमार प्रसाद कहते हैं कि मंडल रेल प्रबंधक रंजन प्रकाश ठाकुर के निर्देश पर लगातार नियमित रूप से ट्रेनों में पेस्ट कंट्रोल किया जाता है। समस्‍या के लिए यात्री जिम्‍मेदार हैं। वे खाना खाकर ट्रेन में सीट के नीचे फेंक देते हैं। इस कारण काकरोच की शिकायतें मिलती हैं। शिकायत मिलते ही तत्काल कार्रवाई की जाती है। हालांकि, ऐसी शिकायत रेयर मिलती है।


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