मिशन 2019: बिहार नहीं, असम से राज्यसभा भेजे जा सकते हैं रामविलास पासवान
राजग में सीट शेयरिंग का मामला सुलझाने को ले भाजपा गंभीर है। लाेजपा से उसकी बातचीत अंतिम चरण में है। लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजे जाने का मामला भी सुलझ गया है।
पटना [अरुण अशेष]। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को एकजुट और मजबूत रखने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोई कसर नहीं छोड़ रही है। जीती हुई सीटों की कुर्बानी देकर उसने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को साध लिया। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सुप्रीमो व केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान के लिए राज्यसभा की सीट समस्या बन रही थी, लेकिन इसका निदान भी निकल आया है। पासवान असम से राज्यसभा भेजे जा सकते हैं।
सूत्र बताते हैं कि लोजपा को इस आशय का औपचारिक प्रस्ताव मिल चुका है। इस बीच बिहार में लोकसभा की सीटों का मामला भी जल्द सुलझने की उम्मीद है। लोजपा की मांग और पूर्ति में सिर्फ एक सीट की कमी है।
असम से राज्यसभा भेजने की पेशकश
लोजपा सूत्रों ने बताया कि भाजपा सुर्पीमो अमित शाह ने पासवान के लिए असम से राज्यसभा में जाने की पेशकश की है। राज्यसभा में असम से सात सदस्य होते हैं। अगले साल दो सीटें खाली होंगी। दोनों कांग्रेस के खाते की हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल अगले साल छह जून को समाप्त होने वाला है। वे 1991 से लगातार असम से राज्यसभा में जा रहे हैं। 126 सदस्यीय असम विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या सिर्फ 25 है। इस संख्या बल पर किसी सदस्य का राज्यसभा जाना संभव नहीं है।
असम में खाली हो रही मनमोहन सिंह की सीट
रामविलास पासवान को कहा गया है कि डॉ. मनमोहन सिंह के रिटायर होने के चलते खाली होने वाली सीट पर ही उन्हें भेजा जाएगा। लोकसभा का परिणाम मई में आएगा, जबकि जून में होने वाली रिक्तियों को भरने के लिए राज्यसभा का चुनाव अप्रैल में ही हो जाएगा। कुछ ही दिनों के लिए सही पासवान दो सदनों के सदस्य रहेंगे। लोकसभा का उनका मौजूदा कार्यकाल 16 मई 2019 तक है।
पहले जदयू से की गई थी कुर्बानी की अपेक्षा
इससे पहले पासवान के लिए जदयू से कुर्बानी की अपेक्षा की गई थी। कहा गया था कि शरद यादव से खाली होने वाली सीट से उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा। इसमे दो परेशानी थी। पहली- शरद यादव का मामला अदालत में फंसा हुआ है। क्या होगा, कोई नहीं जानता है। दूसरा, वहां उपचुनाव होगा। रामविलास पासवान अगर उस रिक्ति के एवज में राज्यसभा चले भी जाएं तो कार्यकाल 2022 तक ही रहेगा।
पासवान को पसंद है प्रस्ताव
सूत्रों ने बताया कि असम से राज्यसभा जाने वाला प्रस्ताव लोजपा सुप्रीमो के अलावा उनके परिजनों को भी पसंद है।