धार्मिक स्थानों से श्रद्धालुओं को जोड़ेगा रेलवे, बौद्ध सर्किट से जुड़ेंगे राजगीर और बोधगया Patna News
बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए रेलवे ने खास योजना बनाई है। इसके तहत अब राजगीर और बोधगया को बौद्ध सर्किट से जोड़ा जाएगा।
By Edited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 09:04 AM (IST)
पटना, जेएनएन। बिहार में सबसे अधिक पर्यटक बौद्ध तीर्थ स्थलों के दर्शन को आते हैं। विदेशों से आने वाले बौद्ध धर्मावलंबियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर रेलवे ने सभी बौद्ध तीर्थस्थलों को एक सर्किट में जोड़ने की योजना बनाई है। इसी तरह जैन धर्म के अनुयायियों की सहूलियत के लिए भी उनके तीर्थ स्थलों तक रेल सेवा देने की योजना है। इसी क्रम में राजगीर से बोधगया को सीधी रेल सेवा से जोड़ने के लिए नई रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव दिया गया है।
इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड से अनुमति मिल गई है। रेलखंड के निर्माण कार्य के लिए इस वित्तीय वर्ष में एक करोड़ की राशि भी आवंटित की गई है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे की ओर से बौद्ध सर्किट योजना के तहत राजगीर से बोधगया को जोड़ने के लिए नई रेल लाइन बिछाने की घोषणा की गई है। इस लाइन को राजगीर से हिसुआ होते हुए तिलैया तक मिला दिया जाएगा। 47 किमी लंबे इस रेलखंड का पहले ही निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
रेलवे की ओर से इस खंड के निर्माण में लगभग 548 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। तिलैया से मानपुर तक लाइन पहले से ही तैयार थी। मानपुर से सीधे बाईपास निकालते हुए बोधगया तक नई रेल लाइन का निर्माण होना है। भविष्य में इस नई रेल लाइन को झारखंड के चतरा तक जोड़ दिया जाएगा। इस पूरे रेलखंड पर लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। राजगीर से बोधगया तक नई रेल लाइन के सर्वे का काम पूरा हो गया है। पहले चरण में राजगीर से हिसुआ तिलैया तक नई रेल का निर्माण कर राजगीर को गया जंक्शन से जोड़ दिया गया है।
अब दूसरे चरण में गया के मानपुर स्टेशन से अलग से बाईपास रेल लाइन का निर्माण करने की योजना है। यहीं से बोधगया तक नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। इससे राजगीर से बोधगया सीधे जुड़ जाएंगे। इस साल के अंत तक इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जा सकता है।
धार्मिक स्थानों को जोड़ने की योजना
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बतााय कि रेलवे की ओर से बौद्ध सर्किट के तहत धार्मिक स्थलों को जोड़ने की योजना बनाई गई है। पहले राजगीर को जोड़ा गया फिर वैशाली को रेललाइन से जोड़ा जा रहा है। अब राजगीर से बोधगया केा इस योजना के तहत जोड़ा जाएगा। इसके लिए इस बार के बजट में राशि स्वीकृत कर दी गई है। सर्वे कार्य के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड से अनुमति मिल गई है। रेलखंड के निर्माण कार्य के लिए इस वित्तीय वर्ष में एक करोड़ की राशि भी आवंटित की गई है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रेलवे की ओर से बौद्ध सर्किट योजना के तहत राजगीर से बोधगया को जोड़ने के लिए नई रेल लाइन बिछाने की घोषणा की गई है। इस लाइन को राजगीर से हिसुआ होते हुए तिलैया तक मिला दिया जाएगा। 47 किमी लंबे इस रेलखंड का पहले ही निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
रेलवे की ओर से इस खंड के निर्माण में लगभग 548 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। तिलैया से मानपुर तक लाइन पहले से ही तैयार थी। मानपुर से सीधे बाईपास निकालते हुए बोधगया तक नई रेल लाइन का निर्माण होना है। भविष्य में इस नई रेल लाइन को झारखंड के चतरा तक जोड़ दिया जाएगा। इस पूरे रेलखंड पर लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। राजगीर से बोधगया तक नई रेल लाइन के सर्वे का काम पूरा हो गया है। पहले चरण में राजगीर से हिसुआ तिलैया तक नई रेल का निर्माण कर राजगीर को गया जंक्शन से जोड़ दिया गया है।
अब दूसरे चरण में गया के मानपुर स्टेशन से अलग से बाईपास रेल लाइन का निर्माण करने की योजना है। यहीं से बोधगया तक नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। इससे राजगीर से बोधगया सीधे जुड़ जाएंगे। इस साल के अंत तक इसके लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जा सकता है।
धार्मिक स्थानों को जोड़ने की योजना
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बतााय कि रेलवे की ओर से बौद्ध सर्किट के तहत धार्मिक स्थलों को जोड़ने की योजना बनाई गई है। पहले राजगीर को जोड़ा गया फिर वैशाली को रेललाइन से जोड़ा जा रहा है। अब राजगीर से बोधगया केा इस योजना के तहत जोड़ा जाएगा। इसके लिए इस बार के बजट में राशि स्वीकृत कर दी गई है। सर्वे कार्य के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
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