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बिहार के विश्‍वविद्यालयों में भ्रष्‍टाचार का राजभवन कनेक्‍शन, कुलपति ने राज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री दोनों को लिखा पत्र

बिहार के एक विवि में वीसी नियुक्ति के बाद प्रभारी वीसी ने की बंदरबांट राजभवन के कर्मचारी द्वारा एजेंसी को राशि देने के लिए बनाया जा रहा दबाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राज्यपाल फागू चौहान को कुलपति ने लिखा पत्र

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 07:23 AM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 07:23 AM (IST)
बिहार के विश्‍वविद्यालयों में भ्रष्‍टाचार का राजभवन कनेक्‍शन, कुलपति ने राज्‍यपाल और मुख्‍यमंत्री दोनों को लिखा पत्र
कुलपति ने खुद ही पत्र लिखकर की धांधाली की जांच की मांग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। मौलाना महजरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के नियमित कुलपति को प्रभार देने की तिथि को ही प्रभारी कुलपति ने टेंडर में बंदरबांट कर दिया। इसे लेकर कुलपति प्रो. मो. कुद्दुस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राज्यपाल फागू चौहान को पत्र भेजा है। पत्र के अनुसार तत्कालीन कुलपति प्रो. एसपी ङ्क्षसह ने राजभवन से नियमित कुलपति का नोटिफिकेशन होने के बाद प्रभार देने में देरी की। प्रभार देने की तिथि में ही आउटसोर्सिंग तथा उत्तर पुस्तिका आपूर्ति के लिए एजेंसी का टेंडर फाइनल कर दिया। टेंडर में बड़े स्तर पर गड़बड़ी उजागर हुई है। कुलपति प्रो. कुद्दूस ने पत्र भेजने की बात स्वीकारी है।

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कुलपति ने बताया कि दोनों मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। यह कमेटी तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपेगी। एफओ पंकज कुमार की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसमें परीक्षा नियंत्रक प्रो. शौकत अली व एजाज आलम शामिल हैं। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी सिंह का पक्ष जानने के लिए काल किया गया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। मैसेज का जवाब भी नहीं दिया। प्रो. सिंह लंबे समय से आर्यभट्ट नालेज यूनिवर्सिटी और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति भी हैं।

राजभवन के नंबर से फोन कर पेमेंट के लिए दबाव

मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के अनुसार पटना की रिद्धि-सिद्धि आउटसोर्सिंग एजेंसी को 19 अगस्त को 45 मैनपावर आपूर्तिं के लिए टेंडर फाइनल किया गया। इसके बाद एजेंसी की ओर से 80 मैनपावर के भुगतान के लिए बिल भेज दिया गया। जब भुगतान के लिए फाइल रोकी गई, तब अतुल श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति ने राजभवन के पीबीएक्स नंबर से खुद को अधिकारी बताकर भुगतान के लिए दबाव बनाया। इसके बाद भी जब भुगतान का आदेश नहीं किया गया, तब पुरानी तिथि से ही एक और 80 मैनपावर आपूर्ति का पत्र कुलसचिव ने कुलपति के समझ रखा। लगातार दबाव बनाए जाने पर कुलपति ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को पत्र भेजकर जांच टीम गठित कर दी।

सात रुपये की कापी, 16 में हो रही खरीद

मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विवि में पटना के एक प्रिङ्क्षटग प्रेस से 32 पेज की कापी के लिए सात रुपये की दर निर्धारित है। प्रभारी कुलपति प्रो. एसपी सिंह ने लखनऊ की बीके प्रिंटिंग को उत्तर पुस्तिका की आपूर्ति के लिए टेंडर दे दिया। यह एजेंसी 16 रुपये की दर से विवि को उत्तर पुस्तिका मुहैया करा रहा है। कुलपति ने जब घालमेल देख तो एजेंसी को आपूर्ति से मना कर दिया। इस पर राजभवन से कुलपति को एजेंसी को पेमेंट के लिए विजय सिंह नाम के व्यक्ति ने भी फोन किया। यही एजेंसी मगध विश्वविद्यालय में भी कापी उपलब्ध कराती थी। जिसपर विशेष निगरानी की जांच चल रही है।


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