वाह रे एक्सप्रेस ट्रेन! 208 किमी के सफर में 41 स्टापेज; 130 किमी के रफ्तार वाले ट्रैक पर लेती सात घंटे
Rail News रेलवे ने कई पैसेंजर ट्रेनों को अब एक्सप्रेस बना दिया है। ऐसी ट्रेनों को पैसेंजर बनाने के लिए रेलवे ने कोई खास बदलाव भी नहीं किया है। रेलवे ने सीधे-सीधे केवल इन ट्रेनों का नंबर बदलकर एक्सप्रेस का किराया वसूल करना शुरू कर दिया है।
पटना, आनलाइन डेस्क। कोविड काल के दौरान रेलवे ने बुनियादी संरचना का विकास करने के साथ ही आय के स्रोतों को भी पुख्ता बनाने के लिए तमाम उपाय किए हैं। इससे रेलवे की आमदनी तो बढ़ी है, लेकिन आम लोगों की जेब पर बोझ भी बढ़ा है। दरअसल, रेलवे ने कई पैसेंजर ट्रेनों को अब एक्सप्रेस बना दिया है। ऐसी ट्रेनों को पैसेंजर बनाने के लिए रेलवे ने कोई खास बदलाव भी नहीं किया है। रेलवे ने सीधे-सीधे केवल इन ट्रेनों का नंबर बदलकर एक्सप्रेस का किराया वसूल करना शुरू कर दिया है। पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड पर एक ऐसी भी ट्रेन को एक्सप्रेस बनाकर चलाया जा रहा है, जो ठीक पैसेंजर ट्रेनों के बराबर समय यात्रा में लेती है।
चार घंटे चार मिनट में केवल 120 किमी की यात्रा
रेलवे ने हाल में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से पटना जंक्शन के बीच चलने वाली एक मेमू पैसेंजर ट्रेन को नियमित तौर पर एक्सप्रेस में बदल दिया है। 13210 पीडीडीयू-पटना जंक्शन एक्सप्रेस मेमू रैक के सहारे चलती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से खुलकर बक्सर, आरा के रास्ते यह ट्रेन पटना पहुंचने में 6 घंटे 55 मिनट का समय लेती है। रेलवे की ओर से घोषित समयसारिणी के मुताबिक बक्सर से पटना आने में यह ट्रेन चार घंटे चार मिनट का समय लेती है। कई बार यह ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंचते-पहुंचते लेट भी हो जाती है। इसकी तुलना में 03262 बक्सर-फतुहा मेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन इसी दूरी के चार घंटे 10 मिनट का वक्त लेती है। यह ट्रेन सामान्य तौर पर लेट भी नहीं होती है।
वापसी में पैसेंजर से भी अधिक सुस्त रफ्तार
पटना से बक्सर की ओर वापसी में इस एक्सप्रेस ट्रेन की रफ्तार पैसेंजर से भी कम हो जाती है। 13209 पटना-पीडीडीयू एक्सप्रेस पटना से बक्सर जाने में तीन घंटे 25 मिनट का वक्त लेती है। इसकी तुलना में 03298 मेमू स्पेशल पैसेंजर ट्रेन तीन घंटे 20 मिनट का ही समय लेती है। 03293 पटना-पीडीडीयू मेमू स्पेशल ट्रेन इसी दूरी को तय करने में तीन घंटे 35 मिनट का समय लेती है। मेमू ट्रेन की अपेक्षा एक्सप्रेस का किराया सीधे दोगुना है।
सात घंटे के सफर में 40 से अधिक स्टापेज
यह ट्रेन 208 किलोमीटर का सफर पूरा करने में सभी स्टेशनों के साथ ही हाल्ट पर भी रुकती है। आरा के रहने वाले नरेंद्र सिंह ने कहा कि रेलवे ने किराया बढ़ाने का फैसला लेने पर विरोध की संभावना को देखते हुए पैसेंजर ट्रेन को ही एक्सप्रेस ट्रेन का नाम दे दिया। इस ट्रेन की रैक आज भी मेमू से चलती है। मेमू रैक की ट्रेनों को देखकर आम ग्रामीण पैसेंजर ट्रेन ही समझते हैं। ऐसे में वे पैसेंजर ट्रेन का टिकट लेकर ट्रेन में सवार हो जाते हैं और पकड़े जाने पर जुर्माना भरते हैं।