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यात्रियों को नहीं भा रहीं स्पेशल ट्रेनें, नियमित ट्रेन में खड़े जाना मंजूर

भारतीय रेल द्वारा विशेष मौके पर चलाये जाने वाले स्‍पेशल ट्रेनों की हालत यह है कि यात्री इससे यात्रा करने के बजाय नियममित ट्रेन में खड़े जाना पसंद करते हैं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 04 Apr 2018 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 04 Apr 2018 11:22 PM (IST)
यात्रियों को नहीं भा रहीं स्पेशल ट्रेनें, नियमित ट्रेन में खड़े जाना मंजूर
यात्रियों को नहीं भा रहीं स्पेशल ट्रेनें, नियमित ट्रेन में खड़े जाना मंजूर

पटना [जेएनएन]। होली व गर्मी की छुट्टी से निपटने के लिए रेल प्रबंधन की ओर से स्पेशल ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। स्पेशल ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण यात्री नियमित ट्रेनों से सफर करना अधिक पसंद करते हैं। जब नियमित ट्रेनों में सीटें नहीं मिलती है तो उसी ट्रेन में वेटिंग टिकट लेकर खड़े-खड़े दिल्ली तक चले जाना पसंद करते हैं लेकिन स्पेशल ट्रेनों में नहीं।

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स्पेशल ट्रेनों के एसी व स्लीपर श्रेणियों में काफी सीटें खाली पड़ी हैं। पांच अप्रैल को पटना से आनंद विहार को जाने वाली 02365 एक्सप्रेस ट्रेन के एसी टू श्रेणी में 35, एसी थ्री श्रेणी में 226, स्लीपर श्रेणी में 308 सीटें खाली हैं। 11 अप्रैल को पटना से पुणे के बीच चलने वाली 01350 पटना पुणे एक्सप्रेस के द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी में 4 बर्थ, 3 एसी में 261 एवं स्लीपर श्रेणी में 141 बर्थ रिक्त हैं।

5 अप्रैल को पटना से झांसी को जाने वाली 04186 स्पेशल ट्रेन में तृतीय वातानुकूलित श्रेणी में 137 बर्थ एवं स्लीपर श्रेणी के 190 बर्थ रिक्त हैं। इसी तरह 8 अप्रैल को खुलने वाली 07006 रक्सौल हैदराबाद एक्सप्रेस ट्रेन में द्वितीय वातानुकूलित श्रेणी में 23, तृतीय वातानुकूलित श्रेणी में 147 एवं स्लीपर श्रेणी में 252 बर्थ रिक्त पड़े हैं।

7 अप्रैल को हावड़ा के लिए खुलने वाली 05228 स्पेशल ट्रेन में 2 एसी में 55, 3 एसी में 141 एवं स्लीपर श्रेणी में 576 बर्थ खाली है। इसी तरह 8 अप्रैल को खुलने वाली 07092 सिकंदराबाद स्पेशल ट्रेन में 2 एसी में 9, 3 एसी में 77 एवं स्लीपर श्रेणी में आरएसी है। अधिकांश स्पेशल ट्रेनों में बर्थ रिक्त है।


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