Rail News: डीडीयू जंक्शन से धनबाद तक 160 की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, झाझा रूट पर भी जल्द बढ़ेगी गति
पूर्व मध्य रेल क्षेत्र से 160 किमी की गति से दौड़ेंगी ट्रेनें मिशन 160 मोड में जुटी पूर्व मध्य रेल एक साल के अंदर ग्रैंड कार्ड व मेन लाइन पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें पहले चरण में प्रधानखंटा से डीडीयू तक दुरुस्त किया गया रेलवे ट्रैक
पटना [चंद्रशेखर]। बिहार और झारखंड की ट्रेनें अब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भरेंगी। इसे धरातल पर उतारने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। पूर्व मध्य रेल के अंतर्गत पंडित दीनदयाल स्टेशन से लेकर धनबाद एवं झाझा तक के रेलवे ट्रैक को दुरुस्त किया जा रहा है। ऐसा ट्रैक तैयार कर लेने पर तेजस और दूसरी हाई स्पीड ट्रेनों की सवारी संभव हो सकेगी। यह काम पूरा हो गया तो लोग सुबह का नास्ता दिल्ली में और दिन का भोजन पटना में करेंगे।
काफी काम पहले ही हो चुका है पूरा
रेलवे की ओर से पंडित दीनदयाल जंक्शन (मुगलसराय) से लेकर धनबाद एवं झाझा तक के रेलवे ट्रैक को 160 किलोमीटर की गति से चलने लायक बनाया जा रहा है। इन रेलखंडों से सारे कॉशन हटा लिए गए हैं। रेलवे ट्रैक को नया कर दिया गया है। पुराने पुलों के गर्डर को बदलकर नया कर दिया गया है। संरक्षा के ख्याल से सारे सिग्नल सिस्टम को आधुनिक बना दिया गया है। स्वचालित सिग्नल प्रणाली को बढ़ावा दिया गया है। सारे पैनल को बदलकर रूट रिले इंटरलाकिंग सिस्टम से लैस किया गया है।
अधिकारियों के संग महाप्रबंधक करेंगे निरीक्षण, तब देंगे ग्रीन सिग्नल
पूर्व मध्य रेल क्षेत्र के प्रधानखंटा से पंडित दीनदयाल स्टेशन तक पहले चरण में काम होना है। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी आज अपने निरीक्षण सैलून से इस रेलखंड का निरीक्षण करने के लिए निकल पड़े हैं। महाप्रबंधक इस क्रम में रास्ते में पड़ने वाले बड़े-छोटे पुल-पुलियों के साथ ही आधुनिक सिग्नल सिस्टम व रेलवे ट्रैक का गहन निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान उनके साथ धनबाद, डीडीयू व दानापुर मंडलों के रेल प्रबंधकों के साथ ही मुख्यालय के संबंधित विभागों के वरीय अधिकारी भी रहेंगे। निरीक्षण के बाद ही कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुधार के साथ 160 की गति से चलाने के लायक रेलवे ट्रैक को फिट होने का संकेत देंगे। हालांकि अंतिम रूप से इसके लिए हरी झंडी मुख्य संरक्षा आयुक्त पूर्वी क्षेत्र ही अपने निरीक्षण के बाद संतुष्ट होने पर देंगे।
160 की गति से चलाने के लिए चाहिए एलएचबी कोच
160 की गति से ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे को एलएचबी रैक ही देना होगा। पुराने परंपरागत इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के पुराने आसीएफ कोचों की रैक को अधिकतम 110 किमी गति से ही चलाने की अनुमति दी गई है। हालांकि प्रायोगिक रूप से इन कोचों को भी 130 की गति से चलाया जा सकता है। महाप्रबंधक का सैलून भी आइसीएफ कोच का ही है। फिर भी इसे कुछ दूर तक 160 की गति से चलाने की कोशिश की जा सकती है।
वंदे भारत व तेजस जैसी ट्रेनों का शुरू हो सकता है परिचालन
सबकुछ ठीकठाक रहा तो अगले साल के अंत अथवा 2022 के शुरू में नई दिल्ली से पटना, नई दिल्ली से धनबाद, नई दिल्ली से हावड़ा, पटना-हावड़ा, वाराणसी - हावड़ा, लखनऊ-पटना के साथ ही अन्य शहरों के लिए वंदे भारत अथवा तेजस जैसी ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। पहले चरण में पांच से छह घंटे की दूरी तय करने वाले रेल रूटों पर ही इस तरह की ट्रेनों का परिचालन किया जा सकता है।
डीडीयू से झाझा और धनबाद तक 130 की स्पीड पहले ही मंजूर
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि डीडीयू से झाझा एवं डीडीयू से धनबाद के रेलवे ट्रैक को पहले चरण में 130 की गति से ट्रेनों को चलाने की अनुमति दे दी गई है। अब 160 की तैयारी चल रही है। महाप्रबंधक स्वयं इसकी लगातार मॉनिटिरिंग कर रहे हैं। कोशिश की जा रही है कि निर्धारित समय से पूर्व ही मिशन 160 को मूर्त रूप दिया जा सके।