रघुवंश ने नीतीश कुमार से किया आग्रह और देश में चर्चा का मुद्दा बनी गणतंत्र की जननी वैशाली, जानें
वैशाली में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की मांग पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने सीएम नीतीश कुमार से की है।
पटना, जेएनएन। गणतंत्र की जननी कहे जाने वाले वैशाली में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की मांग फिर उठी है। राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर तीन मांग उनके सामने रखी है। रघुवंश प्रसाद की तीन प्रमुख मांगों में दो वैशाली से जुड़ी हुई हैं। उनके एक आग्रह से गणतंत्र की जननी वैशाली की चर्चा देश में उठ गई है।
गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री फहराएं पटना और वैशाली में तिरंगा
रघुवंश प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना और 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर जनतंत्र की जननी वैशाली में राष्ट्रीय ध्जव फहराएं।
सबसे पहले गणतंत्र का ज्ञान कराने वाला स्थान वैशाली
रघुवंश की मांग ने वैशाली के महत्व को एक बार फिर देश में चर्चा का मुद्दा बना दिया है। दरअसल दुनिया को सबसे पहले गणतंत्र का ज्ञान कराने वाला स्थान वैशाली ही है। खुदाई और प्राचीन प्रमाणों के आधार पर ऐसा माना जाता है कि वैशाली में ही दुनिया का सबसे पहला गणतंत्र कायम किया गया था।
वैशाली में है अशोक स्तंभ, चर्चा इसकी भी नहीं कम
इसके अलावा वैशाली के पास कोल्हू में सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया एक स्तंभ भी है जिसके शीर्ष पर शेर बना हुआ है। इसे अशोक स्तंभ के नाम से जाना जाता है। आजादी के बाद इसे राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में स्वीकार किया गया है। वैशाली का यह स्तंभ दूसरे स्तंभों से बिल्कुल अलग और शुरुआती स्तंभ है। खुदाई द्वारा मिले इस बेलाकार स्तंभ की ऊंचाई 18.3 मीटर है। जो लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है जिस पर उनका कोई अभिलेख नहीं।
एक दिन पहले पार्टी से दिया था इस्तीफा
एक दिन पहले गुरुवार को राजद (राष्ट्रीय जनता दल) से नाराज चल रहे दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। रघुवंश ने अपना इस्तीफा दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज के दौरान दिया था। रघुवंश ने हाथ से लिखकर एक पत्र जारी किया था। वहीं कुछ दिन पहले ही उन्होंने पार्टी के उपाध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया था।