त्याग व राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती है दशमेश गुरु की जीवनी से: रघुबर दास
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दशमेश गुरु के जीवन चरित्र में हमें वीरता धीरता के साथ-साथ विद्या और विनम्रता के भी दर्शन होते हैं। दशमेश गुरु ने शस्त्र और शास्त्र को पूरी निपुणता के साथ साधने वाले अप्रतीम योद्धा विद्वान और महान राष्ट्रभक्त थे।
त्याग व राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती है दशमेश गुरु की जीवनी से: रघुबर दास
जागरण संवाददाता, पटना सिटी: सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह ने भारतीय समाज को एक नई दिशा और दृष्टि प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई। समाज में नई चेतना का प्रवाह हुआ।
उक्त बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने दशमेश गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह की जन्मस्थली तख्त श्री हरिमंदिर में मत्था टेकते हुए शनिवार को कहीं। उन्होंने कहा कि पावन धरती पर आकर बहुत अच्छा लगा। बिहार दौरे पर जब भी आऊंगा तब दशमेश गुरु की धरती पर आना नहीं भूलूंगा। इस दौरान तख्त श्री हरिमंदिर के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर-ए-मस्कीन ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री को सिरोपा देकर सम्मानित किए। जत्थेदार ने पूर्व सीएम को सिखों के नवें तथा दसवें गुरु के खड़ाऊ तथा शस्त्रों के दर्शन कराए। पूर्व मुख्यमंत्री ने लंगर हॉल में पंगत में बैठ संगतों के बीच लंगर छके।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दशमेश गुरु के जीवन चरित्र में हमें वीरता, धीरता के साथ-साथ विद्या और विनम्रता के भी दर्शन होते हैं। दशमेश गुरु ने शस्त्र और शास्त्र को पूरी निपुणता के साथ साधने वाले अप्रतीम योद्धा, विद्वान और महान राष्ट्रभक्त थे। उन्होंने कहा कि सेवा-सत्कार, सौजन्य और सहयोग बिहारवासियों के रग-रग में बसता है। उन्होंने कहा कि बिहार का सौभाग्य है कि यहां दशमेश गुरु जन्मे हैं।
इस दौरान प्रबंधक समिति के सदस्य सरदार जगजोत सिंह, अधीक्षक सरदार दलजीत सिंह ने दशमेश गुरु की जीवनी से अवगत करा ऐतिहासिकता की जानकारी दी। लंगर छकने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बोले कि बिहार में एनडीए की सरकार बनेगी। उन्होंने महागठबंधन की तीखी आलोचना की। इससे पूर्व पूर्व सीएम बड़ी पटनदेवी पहुंचकर भगवती के दर्शन किए। महंत विजय शंकर गिरी ने माता की चुनरी ओढ़ाया। उनके साथ महापौर सीता साहू, शिशिर कुमार, बद्री नाथ गुप्ता, भरत सिंह, जीतेंद्र गुप्ता थे। दोपहर का भोजन महापौर के आवास पर किए।