सुशील मोदी का सवाल: पश्चिम बंगाल में बिहारियों पर हमले को लेकर क्यों चुप हैं लालू
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक पर प्रहार किया। वहीं वे जीएसटी से बिहार को मिल रहे लाभ पर भी बोले।
पटना [राज्य ब्यूरो]। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआइ जैसी केंद्रीय एजेंसियों को काम करने से रोक कर संघीय व्यवस्था पर चोट की और अब लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को झटका लगने के बाद राज्य में बिहारियों पर हमले हो रहे हैं, लेकिन बिहार में दीदी के समर्थक व प्रायोजक लालू प्रसाद ने चुप्पी साथ ली। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने पटना बुलाकर नोटबंदी के खिलाफ ममता बनर्जी का धरना कराया था और कोलकाता रैली में जाकर उनके साथ मंच साझा किया था, वे बताएं कि बंगाल में बिहारियों को टीएमसी के गुंडों से बचाने के लिए दीदी से बात क्यों नहीं करते?
सुशील मोदी ने राहुल गांधी पर भी किया कटाक्ष
सुशील मोदी ने राहुल गांधी पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी करने और देशद्रोह कानून खत्म करने जैसे वादे करने के कारण राहुल गांधी की पार्टी को लगातार दूसरी बार करारी पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन वे खुद में बदलाव लाने के बजाय लकीर पीटते मालूम पड़े। आत्ममंथन के दौर से गुजरती कांग्रेस के लिए यह और भी दुखद था कि राहुल गांधी परिणाम आने के 18 दिन बाद भी बोले तो चुनावी मोड में रहे। उन्होंने जनादेश का सम्मान करने और नकारात्मकता से बाहर निकलने के बजाय प्रधानमंत्री के भाषणों को झूठ से भरा बताया।
तेज आर्थिक विकास से आम लोगों में खर्च की क्षमता बढ़ी
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में तेज आर्थिक विकास के कारण आम लोगों में खर्च करने की क्षमता बढ़ी है। राज्य में निर्माण कार्य तेज गति से हो रहा है। इसकी वजह से वित्तीय वर्ष 2018-19 में 4849 करोड़ का सीमेंट और 3368 करोड़ का आयरन स्टील बाहर के राज्यों से बिकने के लिए आया। इसी प्रकार, लोगों में खर्च करने की क्षमता बढऩे का नतीजा है कि इसी अवधि में 4859 करोड़ की मोटरसाइकिल, 4179 करोड की मोटरकार और 5524 करोड़ के मोबाइल फोन बिकने के लिए बिहार में आया।
जीएसटी लागू होने से बिहार को लाभ
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 9098 करोड़ की दवाएं और 2944 करोड़ का ट्रैक्टर भी बेचने के लिए बिहार लाया गया। उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद वर्ष 2017-18 की तुलना में दूसरे वर्ष 2018-19 में राजस्व संग्रह में 26.17 फीसद की वृद्धि के साथ बिहार की उपलब्धि उल्लेखनीय रही है। इस अवधि में वाणिज्य कर विभाग का कुल राजस्व संग्रह 25583 करोड़ रहा जिसमें पेट्रोलियम पदार्थों और अन्य करों से 772.78 करोड़ तथा जीएसटी से 24810.22 करोड प्राप्त हुए। एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद बिहार में 244609 नए करदाताओं ने निबंधन कराया है, जबकि इसके पहले वैट और सर्विस टैक्स के तहत मात्र 163323 करदाता ही निबंधित थे। उन्होंने कहा कि कर राजस्व संग्रह में वृद्धि और नए करदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि यह दर्शा रही है कि बिहार तेज गति से आर्थिक विकास के पथ पर अग्रसर है।
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