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रेलवे की जमीन पर झोपड़पट्टियों में पक्के मकान भी

पूर्व मध्य रेल का दानापुर ही नहीं सोनपुर समस्तीपुर डीडीयू व धनबाद मंडल भी अतिक्रमण की चपेट में है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 07:50 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 07:50 AM (IST)
रेलवे की जमीन पर झोपड़पट्टियों में पक्के मकान भी
रेलवे की जमीन पर झोपड़पट्टियों में पक्के मकान भी

पटना। पूर्व मध्य रेल का दानापुर ही नहीं सोनपुर, समस्तीपुर, डीडीयू व धनबाद मंडल भी अतिक्रमण की चपेट में है। इन मंडलों के अधिकांश प्रमुख स्टेशनों के पास रेलवे ट्रैक किनारे की जमीन कब्जा कर हजारों की संख्या में झोपड़ियां बना ली गई हैं। जिस समय झोपड़ियां बनाई जाती हैं, उस वक्त रेलवे के इंजीनियरिग विभाग की नजर नहीं पड़ती। जब यही झोपड़ियां मोहल्ले का रूप ले लेती हैं तो हटाने की कार्रवाई के लिए आरपीएफ को कहा जाता है। जिला प्रशासन से भी मदद मांगी जाती है। पूरी प्रक्रिया में छह माह लग जाता है और तब तक रेलवे कब्जा हटाना भूल जाती है। इस तरह रेलवे के इंजीनियरिग विभाग व आरपीएफ के बीच समन्वय की कमी का फायदा अतिक्रमणकारी उठाते हैं। राजनीतिक संरक्षण भी मिलता है :

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झोपड़ियों में रहने वाले स्थानीय नेताओं से मिलकर लाल कार्ड, आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र तक बनवा लेते हैं। हर तरह के चुनाव में मतदान करते हैं। इस कारण उन्हें नेताओं का संरक्षण मिलता है। जब भी इन झोपड़ियों को उजाड़ने की कोशिश होती है, उनके राजनीतिक संरक्षक समर्थन में सड़क पर उतर जाते हैं। मुफ्त बिजली और सरकारी शौचालय

रेलवे ट्रैक किनारे झोपड़पट्टी में कई पक्के मकान भी बन गए हैं। इन घरों में टीवी, पंखा, कूलर समेत बिजली के अन्य उपकरण लगे हैं। सरकार उन्हें बीपीएल मान मुफ्त बिजली कनेक्शन देती है। जनप्रतिनिधि चापाकल और शौचालय बनवा देते हैं। कई झोपड़पट्टियों में सामुदायिक भवन तक बनवाए गए हैं। राज्य सरकार की जमीन पर झोपड़पट्टियों के अगल-बगल स्कूल भी खोले गए हैं। ऐसे में झोपड़पट्टियों को हटाने में आरपीएफ दिलचस्पी नहीं लेती। अथमलगोला में मेला, तारेगना व लखीसराय में सजती सब्जी मंडियां

दानापुर मंडल के अथमलगोला व बख्तियारपुर स्टेशन परिसर में दशहरा के दौरान बड़ा मेला लगता है। यह 15 दिनों तक चलता है। दो वर्ष पहले रेलवे ने जब मेला नहीं लगाने के लिए कहा, तब स्थानीय पुलिस-प्रशासन विधि-व्यवस्था की दुहाई देने लगा। मान-मनौव्वल कर रेलवे को राजी कर लिया गया। तारेगना, लखीसराय, वारीसलीगंज, नवादा, शेखपुरा, बिहटा व पटना के मीठापुर में बकायदा सब्जी मंडियां सजती हैं। मीठापुर में आरपीएफ ने भले ही रेलवे ट्रैक से सब्जी बेचने वालों को भगा दिया, परंतु अन्य स्टेशनों के आसपास अब भी सब्जियां बिकती हैं।

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कोट---

इंजीनियरिग विभाग के अधिकारी आरपीएफ से अतिक्रमण हटाने का अनुरोध करते हैं। आरपीएफ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करती है। दोबारा अतिक्रमण न हो, इसके लिए स्थायी व्यवस्था पर रेलवे विचार-विमर्श कर रही है।

-पृथ्वीराज, जन संपर्क अधिकारी, दानापुर


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