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बड़ा खुलासा: बेच दिया मीठापुर स्टैंड, सड़क पर खड़ी होती हैं सवारी बसें

पटना के मीठापुर बस स्‍टैंड के बाहर सड़कों पर बसों की कतार लगी रहती है क्‍योंकि स्‍टैंड को पार्किंग के नाम पर बेच दिया गया है। ट्रैफिक एसपी की जांच में पोल खुली है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 11:14 AM (IST)Updated: Thu, 24 May 2018 10:43 PM (IST)
बड़ा खुलासा: बेच दिया मीठापुर स्टैंड, सड़क पर खड़ी होती हैं सवारी बसें
बड़ा खुलासा: बेच दिया मीठापुर स्टैंड, सड़क पर खड़ी होती हैं सवारी बसें

पटना [जेएनएन]। यूं ही नहीं राजधानी पटना के मीठापुर बस स्टैंड के बाहर सड़क पर बसों की कतार लगती है और इसके परिणामस्वरूप लोगों को हर दिन जाम से दो चार होना पड़ता है। दरअसल मीठापुर बस स्टैंड को पार्किंग के नाम पर बेच दिया गया है। परिसर के अंदर जहां सवारी उठाने वाली बसों को खड़ा होना चाहिए, वहां महीनों से खराब बसें खड़ी की गई हैं। स्कूली बसों को पार्किंग की छूट दी गई है।

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ठेकेदार की मनमानी और पार्किंग के नाम पर हो रही वसूली की पोल तब खुली जब मीठापुर बस स्टैंड के बाहर जाम की समस्या के पीछे मुख्य वजह जानने खुद ट्रैफिक एसपी पीएम मिश्रा पहुंचे। पता चला कि यहां खेल पार्किंग का चल रहा है।

जांच में खुली पोल, पार्किंग के नाम पर होती वसूली

सुबह, दोपहर से लेकर शाम तक जाम। ऐसा कोई दिन नहीं जब न्यू बाईपास से मीठापुर बस स्टैंड के बाहर सड़क पर जाम की समस्या न हो। इस बारे में ट्रैफिक एसपी को शिकायत मिली कि बस स्टैंड के अंदर नहीं खड़ी होतीं। सड़क की दोनों लेन पर बसें खड़ी होती हैं और सवारी उठाई जाती हैं।

नगर निगम अधिकारी बस चालकों को दोषी बताते थे और उधर थाना पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आ रही थी। कई बार ट्रैफिक पुलिस सड़क की बजाय बसों को स्टैंड के अंदर खड़ा करने का निर्देश जारी कर चुकी थी लेकिन, बस स्टैंड के अंदर खेल कुछ और ही चल रहा था।

मंगलवार की शाम ट्रैफिक एसपी जाम की समस्या की मुख्य वजह जानने खुद मीठापुर बस स्टैंड पहुंचे। तब पता चला कि दूसरे जिले से आने वाली बसों को स्टैंड के अंदर जगह नहीं मिलती है। ऐसे में वह स्टैंड के बाहर सड़क किनारे ही सवारी उतारती और बैठाती हैं। ट्रैफिक एसपी की जांच में पता चला कि बस स्टैंड के अंदर 150 से अधिक ऐसी बसें हैं जो खराब हैं और महीनों से पार्क की गई हैं। इसमें अधिकांश स्कूली बसें हैं।

पूछताछ में पता चला कि कुछ सरकारी कर्मियों और ठेकेदार की मदद से स्टेशन के अंदर की जमीन पर पार्किंग के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। ऐसे बस मालिकों पर कार्रवाई भी नहीं होती है न ही ऐसी बसों को अड्डे से बाहर किया जा रहा है। अगर 150 खराब बसों को परिसर से हटा दिया जाए तो स्टैंड के अंदर काफी जगह मिलेगी।

बस नंबर से मालिक की पहचान, नीलाम होंगी बसें

जांच के बाद ट्रैफिक एसपी एक्शन में आ गए। उन्होंने खराब और अवैध ढंग से स्टैंड के अंदर महीनों से खड़ी बसों को नीलाम करने का प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्णय लिया है। स्टैंड के अंदर महीनों से खड़ी स्कूली और सामान्य बसों के मालिक की पहचान के लिए एनसीसी कैडेटों की मदद ली जाएगी। बस नंबर और चेसिस नंबर को नोट करके डीटीओ ऑफिस को भेजा जाएगा।

डीटीओ ऑफिस से मालिक का सत्यापन होने के बाद सेक्रेटरी-ट्रांसपोर्ट से कहेंगे कि ऐसी बसों को नीलाम किया जाए। अगर किसी बस मालिक ने क्लेम किया तो उन्हें बस वापस की जाएगी। बसों की क्रमवार नीलामी होगी। नीलामी में जो भी रकम मिलेगी उसे सरकारी कोष में जमा कराया जाएगा। इसके बाद अगर किसी बस का मालिक दावा करता है तो पार्किंग की रकम काटकर पैसा वापस कर दिया जाएगा। किसी भी सूरत में बस स्टैंड के अंदर अवैध पार्किंग का खेल नहीं चलेगा।

मीठापुर बस स्टैंड के अंदर 150 से अधिक ऐसी बसें मिलीं जो महीनों से खराब हैं और अवैध ढंग से पार्क की गई हैं। इसमें अधिकांश स्कूली बसें हैं। ऐसे में सवारी उठाने वाली और दूसरे जिले से सवारी लेकर आने वाली बसों को स्टैंड के अंदर जगह नहीं मिल पाती है। अवैध ढंग से स्टैंड के अंदर खड़ीं बसों को नीलाम किया जाएगा।

- पीएन मिश्रा, ट्रैफिक एसपी


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