नियमों का पालन न करने पर हो दंड का प्रावधान
दैनिक जागरण कार्यालय में संगिनियों ने शहर को स्वच्छ रखने के उपाय बताए। शहर को साफ रखने का फा
दैनिक जागरण कार्यालय में संगिनियों ने शहर को स्वच्छ रखने के उपाय बताए
शहर को साफ रखने का फॉर्मूला बताने वाले ही राजधानी को गंदा कर रहे हैं। ज्यादा नहीं 24 में से एक घंटा भी अगर लोग सफाई के लिए निकाल लें तो हम इंदौर की जगह पटना को लाकर देश के सबसे स्वच्छ शहर में शामिल कर सकते हैं। बुधवार को इन्हीं बातों के बीच जागरण कार्यालय में संगिनी क्लब की सदस्याओं ने शहर को साफ रखने के उपाय सुझाए। विषय था 'कैस स्वच्छ रखा जाए अपना शहर'।
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हमें केवल अपना घर साफ रखने की नीयत से ऊपर उठना होगा। बरसात में ही नहीं अन्य मौसम में भी शहर को साफ रखने के लिए पहल करनी होगी। साथ ही पॉलीथिन के बहिष्कार के लिए जागरूकता फैलानी होगी।
विभा रानी श्रीवास्तव, रुकनपुरा
स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। बच्चों को भी सफाई के लिए प्रेरित करना चाहिए। सड़कों पर कैमरा लगाना चाहिए। कूड़ा निश्चित स्थान पर न फेंकने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
अनीता कुमारी, पाटलिपुत्रा
सरकार के भरोसे ही सबकुछ छोड़ना ठीक नहीं है। सफाईकर्मियों को भी जागरूक करना चाहिए। कचरे फेंकने के लिए निश्चित स्थान का चुनाव करना चाहिए।
प्रतिमा गुप्ता, न्यू पाटलिपुत्रा
नगर निगम को को कचरा फैलाने वालों के ऊपर फाइन लगाना चाहिए। हम अभियान तो काफी चला रहे हैं शायद दंड लगाने से लोगों में डर पैदा हो और वे सही स्थान पर कचरा फेंके।
कविता सिंह, न्यू पाटलिपुत्रा
नियम तो रोज बनते हैं पर पालन नहीं किया जाता। हम दूसरे शहर या राज्य जाते हैं तो वहां पर साफ-सफाई रखते हैं। अपने शहर की सफाई क्यों नहीं कर सकते। पहल खुद को ही करनी होगी।
प्रेमलता सिंह, पटेल नगर
स्वच्छता में महिलाओं का अहम योगदान है। हमारे घर का ही कचरा सड़क पर आता है। इस लिए सड़क को भी अपना ही निवास स्थान समझकर उसकी भी नियमित सफाई करनी चाहिए।
संजू शरण, आनंदपुरी
मुझे लगता है कि सफाई कर्मियों के घर में जागरण सफाई करने की पहल बेहतर होगी। बदलाव जल्द आएगा। सरकार को भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। सुबह नौ बजे तक कूड़ा उठ जाना चाहिए।
मीरा प्रकाश, बाकरगंज
हमें सफाईकर्मियों की सहायता करनी चाहिए। कूड़े को उचित स्थान पर फेंकने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। अगर निगमकर्मी एक दिन में दो समय कूड़ा उठाएं तो शहर स्वच्छ जल्द ही स्वच्छ हो सकता है।
डॉ. स्वाति प्रिया, गांधी मैदान
सफाई व्यवस्था के लिए सरकार को कोसने से बेहतर है कि हम खुद से ही पहल करें। बाहर सामान खरीदने पर पॉलीथिन मांगने की आदत छोड़कर खुद घर से थैले लेकर निकलने की आदत डालनी चाहिए।
अर्चना कुमारी, गोला रोड
गांधी जी के देश को स्वच्छ बनाने के सपने को पूरा करने में महिलाओं की जिम्मेदारी अधिक है। नारी को घर के साथ शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी लेनी होगी।
गीता अग्रवाल, पाटलिपुत्रा
सब्जी या अन्न खाद्य सामग्री को गाय को दिया जा सकता है। साथ ही उसकी खाद बनाकर पेड़ों से डाला जा सकता है। कूड़ा फेंकने से ही समस्या का समाधान नहीं होगा। कचरे को रिसाइकिल करना भी जरूरी है।
अमिता मनोज, मीठापुर
कचरे के निस्तारण का अभियान अपने घर से शुरू कर सड़क तक लाने की आवश्यकता है। निगम न लगाए तो खुद से डस्टबिन लगाएं। लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लें।
पुष्पा तिवारी, राजीव नगर
नियमों का पालन केवल दूसरे राज्यों में जाकर करना कितना सही है? हमें खुद से भी पहल करनी होगी। अपने इलाके को अपनी जमीन समझकर साफ-सफाई के लिए पहल करनी होगी और दूसरों को भी जागरूक करना होगा।
अर्चना सिन्हा, पटना सिटी
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परिचर्चा में इन्होंने भी रखे विचार
जागरण कार्यालय में 'कैस स्वच्छ रखा जाए अपना शहर' विषय पर आयोजित परिचर्चा में मधु ठाकुर, नेहरू नगर, प्रियंका राज, नेहरू नगर, मंदिरा कुमारी, न्यू पाटलिपुत्रा, राजकांता, शिवपुरी ने भी अपने विचार रखे।