दवा कारोबारी की हत्या के विरोध में बेली रोड पर हंगामा, होटल मालिक समेत दो हिरासत में
दवा कारोबारी वीरेंद्र यादव की हत्या के विरोध में गुरुवार की सुबह स्वजन और स्थानीय लोग बेली रोड को जाम कर हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हंगामा करने लगे।
पटना । दवा कारोबारी वीरेंद्र यादव की हत्या के विरोध में गुरुवार की सुबह स्वजन और स्थानीय लोग बेली रोड को जाम कर हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। आइजीआइएमएस गेट के पास टायर जलाकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। स्वजन पुलिस पर भी हत्यारोपितों की मदद करने का आरोप लगा रहे थे। स्वजनों की मानें तो कुछ दिन पहले भी जब वीरेंद्र को निशाना बनाकर फायरिग की गई थी तो पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
सड़क जाम की सूचना मिलते ही शास्त्रीनगर थाने के साथ ही जिला नियंत्रण कक्ष से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल बुलाकर तैनाती कर दी गई। मौके पर कई पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए। इसके बावजूद हंगामा कर रहे लोग पीछे हटने को तैयार नहीं थे। दो घंटे से अधिक समय तक लोग सड़क पर डटे रहे। काफी मान-मनौव्वल और दो आरोपितों की गिरफ्तारी का पुलिस का दावा करने के बाद लोगों का आक्रोश शांत हुआ। सुबह 9.30 बजे के बाद जाम हटा और यातायात बहाल हो सका। वहीं, पुलिस होटल मालिक पिंटू समेत दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
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बड़े बेटे हिमांशु के
बयान पर प्राथमिकी
वीरेंद्र की हत्या के बाद उसके बड़े बेटे हिमांशु ने शास्त्रीनगर थाने में सात नामजद समेत 13 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। हिमांशु ने बताया कि अपराधियों ने मंगलवार को ही उसके पिता की हत्या करने की धमकी दी थी। पुलिस गंभीर रहती तो आज वो जिंदा रहते। धमकी देने के 24 घंटे के अंदर उसके पिता की हत्या कर दी गई।
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इन पर हत्या में शामिल
होने का लगाया आरोप
इस वारदात में दुर्गा आश्रम गली, शेखपुरा के जय कुमार, शेखपुरा मोड़ के धीरज सिंह, अंशिका फार्मा के नीतीश कुमार, दुर्गा आश्रम गली के ही संदीप कुमार, शेखपुरा मोड़ के राहुल कुमार, ब्रह्मास्थानी गली के गुड्डू कुमार, हवाई अड्डा क्षेत्र के कल्लू को आरोपित बनाया गया है। इसके अलावा छह अज्ञात पर हत्या में संलिप्त होने का आरोप है।
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व्यवसाय बंद करने से
मना करने पर हत्या
हिमाशु ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उनके पिता दो माह पहले ब्रह्मस्थानी गली में रवि कुमार के साथ पार्टनरशिप में महावीर मेडिकल नाम दुकान खोली थी। इससे कारोबार पर असर का हवाला देते हुए पास में खुली अंशिका फार्मा नामक दवा की दुकान के मालिक नीतीश ने मेरे पिता पर अपनी दुकान बंद करने का दबाव बना रहे थे। ऐसा नहीं करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहे थे।
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26 फरवरी को ही
हत्या की थी योजना
वीरेंद्र यादव की हत्या करने के लिए 26 फरवरी को ही योजना बनाकर हमला किया गया था। उसके उपर चार राउंड फायरिग की गई थी, लेकिन वह बाल-बाल बच गया। रंगदारों का मकसद था कि इस फायरिग से वीरेंद्र डरकर उसे पैसे देना शुरू कर देगा। इसके बाद भी वीरेंद्र ने एक पैसा नहीं दिया। वीरेंद्र की मनाही के बाद कई दवा व्यवसायियों ने रंगदारी देना बंद कर दिया। इसके बाद ही अपराधियों ने उसकी हत्या की मुकम्मल तैयारी की। एक दिन पहले तक अपराधियों को लग रहा था कि वीरेंद्र मान जाएगा। उसने जब इन्कार कर दिया तो धमकी देने के दूसरे दिन बुधवार शाम को अस्पताल के पास ही एक होटल में गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिग में इलाज कराने परिवार संग आया बच्चा भी घायल हो गया।
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