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प्रशांत किशोर की कम नहीं हो रहीं मुश्किलें, अग्रिम जमानत पर अब होली के बाद होगी सुनवाई

(जदयू) से निष्कासित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनकी अग्रिम जमानत की याचिका पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 04:23 PM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 10:46 PM (IST)
प्रशांत किशोर की कम नहीं हो रहीं मुश्किलें, अग्रिम जमानत पर अब होली के बाद होगी सुनवाई
प्रशांत किशोर की कम नहीं हो रहीं मुश्किलें, अग्रिम जमानत पर अब होली के बाद होगी सुनवाई

पटना, न्यायालय संवाददाता। कंटेंट चोरी कर राजनीतिक और आर्थिक लाभ उठाने के आरोपी जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishhor) के अग्रिम जमानत के आवेदन पर शनिवार को सुनवाई नहीं हुई। एडीजे-12 (ADJ -12) की अदालत ने अब 12 मार्च को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। 

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इस मामले के सूचक व कांग्रेस सदस्य शाश्वत गौतम (Shashwat Gautam) के अधिवक्ता संगीत देव कुलियार ने जमानत के आवेदन के विरोध में एक आवेदन दिया। अदालत ने इस पर जानकारी मांगी कि दूसरे पक्ष को आवेदन की प्रति दी गई है या नहीं। जिला लोक अभियोजक विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पाटलिपुत्र थाने ने केस डायरी उन्हें सौंप दी है। संबंधित एपीपी ने अदालत से केस डायरी को पढऩे के लिए समय की मांग की है। इसे पढऩे के बाद ही एपीपी अभियोजन की ओर से जमानत आवेदन पर बहस की जाएगी। अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 12 मार्च निर्धारित की। 

पाटलिपुत्र थाने की पुलिस से डायरी की मांग

विदित हो कि जिला जज की अदालत ने 3 मार्च को आरोपित के अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद पाटलिपुत्र थाने से केस डायरी की मांग की थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला अदालत ने जमानत आवेदन को अगली सुनवाई के लिए एडीजे-12 की अदालत में भेज दिया था। 

क्या है मामला

कांग्रेस नेता शाश्वत गौतम ने पाटलिपुत्र थाने में प्रशांत किशोर और उनके सहयोगी ओसामा खुर्शीद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। ओसामा पटना विवि छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ चुका है। प्राथमिकी के अनुसार ओसामा पूर्व में शाश्वत के लिए कार्य करता था। शाश्वत का कहना है कि वे विधानसभा चुनाव के लिए अभियान की तैयारी कर रहे थे। लैपटॉप पर बिहार की बात नाम का ग्राफिक्स और इसका लोगो तैयार किया गया था। इसे चुराकर ओसामा ने प्रशांत को दे दिया जिसका उपयोग प्रशांत किशोर ने कर लिया। 


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