प्रधान सचिव बोले- कोरोना जांच में गड़बड़ी की पड़ताल करेंगी 10 टीमें, 26 जिलों से आई रिपोर्ट
बिहार में कोरोना जांच के नाम पर गड़बड़ी सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि त्वरित कार्रवाई करते हुए कई अफसरों को सस्पेंड किया है। सिविल सर्जन और चिकित्सीय पदाधिकारी को शोकॉज किया गया है। अब तक 26 जिलों की रिपोर्ट सामने आ गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में कोरोना जांच के नाम पर गड़बड़ी सामने आने के बाद सरकार सतर्क हो गई है। शनिवार को सूचना भवन में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई अफसरों को सस्पेंड किया है। सिविल सर्जन और चिकित्सीय पदाधिकारी को शोकॉज किया गया है। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है। अब तक 26 जिलों की रिपोर्ट सामने आ गई है।उन्होंने कहा कि गड़बड़ी की सूचना के बाद जमुई के डीएम अविनाश कुमार सिंह और शेखपुरा की जिलाधिकारी इनायत खान को जांच के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 10 टीमों का गठन कर अलग-अलग जिलो में भेजा गया।
प्रखंड स्तर पर जांच का निर्देश
उन्होंने कहा कि 26 जिलों के डीएम को प्रखंड स्तर पर जांच का निर्देश दिया गया है। जांच टीम को फोन नंबर और आवासीय स्थल का पता लगाने का निर्देश दिया गया है। जमुई जिले के बरहट और सिकंदरा में जांच में गड़बड़ी पाई गई, वहां संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई। शेखपुरा में जांच के दौरान कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। डीएम की जांच रिपोर्ट में तीन बातें साफ हैं. व्यक्ति मिल रहे हैं लेकिन मोबाइल नंबर किसी और का है।
संबंधित अधिकारी को शो कॉज
अररिया जिले के फारबिसगंज और अररिया में जांच वाला शख्स तो मिला लेकिन नम्बर नहीं मिला है। कई जगह एएनएम और लैब टेक्नीशियन का नम्बर दिया गया है, जिसे लेकर संबंधित अधिकारी को शो कॉज जारी किया गया है। एक सवाल के जवाब में प्रत्यय अमृत ने कहा कि भोजपुर जिले में भी बड़े पैमाने पर अनियमितता पाई गई है। सैकड़ों ऐसे लोग हैं, जिनके सिर्फ नाम दिए हुए हैं। भोजपुर में कोरोना जांच कराने वाले सैकड़ों लोगों के फॉर्म में न तो मोबाइल नंबर है और न ही उनके घर का एड्रेस दिया हुआ है। प्रत्यय अमृत ने जांच की बात स्वीकार की और पत्रकार को वो लिस्ट सौंपने को कहा। उन्होंने कहा कि भोजपुर जिले के सहार और उदवंतनगर प्रखंड में जांच की गई है। शेष जो दावे किये जा रहे हैं, उसकी भी जांच की जाएगी। बता दें कि बिहार में कोरोना जांच रिपोर्ट के आंकड़ों में नाम, उम्र और फोन नंबर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा का मामला उजागर हुआ है।पटना, जमुई और शेखपुरा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में करीब 600 डेटा एंट्री और जांच रिपोर्ट, दोनों में ही गड़बड़ी हुई है।