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कोरोना काल में प्रधानमंत्री को भी भाया मधुबनी का मास्क, नये प्रयोग को पीएम की मिली सराहना

बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन के बाद मधुबनी में मिथिला पेंटिंग के कलाकारों द्वारा तैयार किए गए डिजाइनर मास्क के मुरीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो गए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 04:20 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 04:20 PM (IST)
कोरोना काल में प्रधानमंत्री को भी भाया मधुबनी का मास्क, नये प्रयोग को पीएम की मिली सराहना
कोरोना काल में प्रधानमंत्री को भी भाया मधुबनी का मास्क, नये प्रयोग को पीएम की मिली सराहना

पटना, जेएनएन। बिहार में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए दोबारा राज्य में लॉकडाउन लगा दिया गया है। एहतियातन लोग कम ही घर से बाहर निकल रहे हैं। इस बीच अदृश्य वायरस से लड़ने के लिए मास्क की महत्ता कम नहीं है। रवीना टंडन के बाद मधुबनी में मिथिला पेंटिंग के कलाकारों द्वारा तैयार किए गए मास्क के मुरीद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हो गए हैं। रविवार को 'मन की बात' में मधुबनी पेंटिंग युक्त मास्क की तारीफ पीएम ने की है। साथ ही नरेंद्र मोदी ने मास्क बनाने वाली मधुबनी की महिलाओं के प्रयासों को भी सराहा है। मधुबनी में बने मिथिला पेंटिंग से सजे मास्क का जिक्र प्रधानमंत्री से सुन मिथिलांचल के लोगों का हौसला बढ़ गया है।

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आपदा को बना दिया अवसर

'मन की बात' में पीएम ने कहा कि स्थानीय कलाकारों ने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया है कि सकारात्मक सोच और प्रयोग आपदा को अवसर व विपत्ति को विकास में बदल सकता है। प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात में कहा कि पूरी दुनिया देख रही है कि बिहार में युवाओं और महिलाओं ने अपने टैलेंट (हुनर) व स्किल (टैलेंट) के दम पर कुछ नए प्रयोग शुरू किए हैं। कई वूमन सेल्फ हेल्प ग्रुप ने मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क बनाने शुरू किए और देखते ही देखते ये खूब पॉपुलर हो गए हैं। 

स्थानीय बाजार से अमेजन तक धमक

मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क की पहुंच आज स्थानीय बाजार से निकलकर अमेजन तक है। ऑनलाइन मार्केटिंग साइट पर यह मास्क काफी लोकप्रिय है। पूरी दुनिया के लोग इसे खरीद रहे हैं। हाल ही में फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी ट्वीटर पर मास्क की प्रशंसा की थी। 

दीवार से शुरू कला मास्क तक पहुंची

दीवार से कागज, फिर कपड़े और खिलौनों के बाद मास्क पर मधुबनी पेंटिंग ने इस कला को नई पहचान दी है। मछली, अरिपन, देवी-देवता, फूल-पत्ती, पक्षी की पेंटिंग वाले सूती कपड़े का दो लेयर वाला मास्क लोगों को लुभा रहा। मधुबनी शहर के लहेरियागंज निवासी लक्ष्मी पांडेय और परिवार के सदस्य पूरे दिन मास्क तैयार कर रहे हैं। मांग बढ़ने पर अलग से दर्जी को रख लिया है। 

प्रतिदिन एक से डेढ़ हजार तक हो रही कमाई

:मधुबनी पेंङ्क्षटग वाले मास्क बाजार में 70 से 100 रुपये में उपलब्ध हैं। दरभंगा के मिर्जापुर निवासी कलाकार भगवान ठाकुर बताते हैं कि एक मास्क तैयार करने में करीब 40 से 50 रुपये की लागत आ रही है। एक कलाकार प्रतिदिन 20-25 मास्क तैयार कर रहा। इससे वह रोजाना एक से डेढ़ हजार तक की कमाई हो जाती है।

कला को मिलेगी नई ऊंचाई

मधुबनी पेंटिंग की पद्मश्री प्राप्त कलाकार बौआ देवी ने कहा कि मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क के बारे में प्रधानमंत्री के उद्गार से निश्चित रूप से इस कला को नई ऊंचाई मिलेगी। यहां बड़ी संख्या में महिला-पुरुष मधुबनी पेंटिंग से जुड़कर देश-विदेश में अपना नाम रोशन कर रहे हैं।


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